भारत के ना होने से होगा नुकसान
पीसीबी मान गया है कि एशिया कप का आयोजन उनके देश में नहीं होकर, किसी अन्य स्थान पर होगा। एहसान मणिका ने कहा, ''भारत के नहीं जाने से काफी कम फंड इकठ्ठा होगा। एशिया में बहुत सारे नए क्रिकेट खेलने वाले देश हैं और उन्हें इसके लिए फंड की आवश्यकता है। आयोजकों को एशिया कप की मेजबानी करके फंड मिलता है। यदि भारत बाहर रहता है, तो यह संभावना नहीं है कि एशियाई क्रिकेट परिषद आवश्यक फंड उत्पन्न करेगा। भारत के नहीं खेलने से नुकसान होगा। इसलिए हमने पाकिस्तान में एशिया कप नहीं करवाने का फैसला ले लिया है।''
दुबई में होने की संभावना हुई तेज
बता दें कि एशिया कप 2020 का आयोजन सितंबर में होने वाला है। टी-20 विश्व कप के होने की वजह से टूर्नामेंट टी-20 फॉर्मेट में ही खेला जाएगा। पाकिस्तान के पास इसकी मेजबानी थी लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम में वहां जाने से इंकार कर दिया था। इसके बावजूद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कहना था कि एशिया कप का आयोजन उनके यहां ही होगा। लेकिन अब साफ हो रहा है कि ये दुबई में होने जा रहा है।
BCCI ने इसलिए पाकिस्तान जाने से किया था मना
बता दें कि, सितंबर (2020) में प्रस्तावित एशिया कप की मेजबानी पाकिस्तान को सौपी गई है, लेकिन बीसीसीआई ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय टीम सुरक्षा चिंताओं के कारण पड़ोसी देश की यात्रा नहीं कर पाएगी। इसलिए टूर्नामेंट को दुबई में स्थानांतरित कर दिया गया। गौरतलब है कि, भारत और पाकिस्तान की टीमों ने 2012-13 के बाद से द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली है। 2012-13 में पाकिस्तान ने सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिए भारत का दौरा किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे राजनीतिक तनाव के कारण दोनों देशों ने 2013 से आईसीसी की प्रमुख प्रतियोगिताओं में ही एक दूसरे का सामना किया है।