गेंदबाजी में बदलाव न करना
भारतीय टीम के लिये सिडनी के मैदान पर हारने की सबसे पहली और बड़ी वजह रही उसकी गेंदबाजी। इस मैदान पर खेले गये पहले मैच में जब गेंदबाजों की बुरी तरह पिटाई हुई थी तो सभी को उम्मीदें थी कि गेंदबाजी में कम से कम एक बदलाव तो देखने को मिलेगा, हालांकि कप्तान कोहली ने टीम में कोई बदलाव न करने का फैसला करते हुए उसी प्लेइंग 11 के साथ जाने का फैसला किया।
नतीजन नवदीप सैनी एक बार फिर महंगे साबित हुए और महज 7 ओवर में 70 रन लुटा डाले, तो वहींं पर मोहम्मद शमी ने 9 ओवर में 73 तो युजवेंद्र चहल ने 9 ओवर में 71 रन लुटाये। ऐसे में भारतीय टीम के लिये इन गेंदबाजों के बचे हुए ओवर्स की भरपाई कर पाना मुश्किल नजर आ रहा था। कप्तान विराट कोहली ने इन खिलाड़ियों के बचे हुए ओवर्स के 4 ओवर्स चोट से जूझ रहे हार्दिक पांड्या से तो वहीं एक ओवर मयंक अग्रवाल से करवाये। हार्दिक पांड्या ने 24 रन देकर एक विकेट तो हासिल किया लेकिन उनके फिजियोथेरपिस्ट के अनुसार वो लगभग साल भर तक गेंदबाजी नहीं कर सकते। ऐसे में गेंदबाजों की कमी के चलते उन्हें पांड्या से गेंदबाजी करवानी पड़ी जो कि इस गेंदबाज के करियर के लिये काफी घातक भी साबित हो सकती है।
अच्छी शुरुआत को नहीं भुना सके ओपनर्स
भारतीय टीम के लिये सिडनी में खेल गये दूसरे मैच में भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज एक बार फिर अच्छी शुरुआत को भुना पाने में नाकाम रहे। शिखर धवन और मयंक अग्रवाल की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 58 रनों की साझेदारी जरूर की लेकिन जैसे ही लगा कि यह जोड़ी एक बड़ी साझेदारी कर भारतीय टीम को मैच में बनाये रख सकती है तभी महज 2 रन के अंदर उसने अपने दोनों ओपनर्स का विकेट खो दिया। मयंक अग्रवाल को कमिंस ने आउट किया तो वहीं पर शिखर धवन को हेजलवुड ने पवेलियन भेजा।
केएल राहुल से करानी चाहिये थी ओपनिंग
भारतीय कप्तान विराट कोहली से इस मैच में एक और गलती हुई कि जब उनके सामने 390 रनों का बड़ा स्कोर था तो उन्हें ओपनिंग में केएल राहुल को भेजना चाहिये था। केएल राहुल ने मध्यक्रम में भी 70 रनों की अच्छी पारी खेली लेकिन जब वो बल्लेबाजी करने आये थे तो उस वक्त भारतीय टीम के पास गेंदों की संख्या कम थी और जीत के लिये काफी ज्यादा रनों की दरकार थी। ऐसे में अगर वह ओपनिंग करते तो एक लंबी पारी खेलकर टीम को जीत के और करीब ले जा सकते थे। ऐसे में मध्य क्रम में मयंक अग्रवाल बड़े शॉट खेलकर टीम को जीत दिला सकते थे।