नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मैच बुधवार को कैनबरा के मैदान पर खेला गया जहां पर कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 13 रनों से जीत हासिल की। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कैनबरा के मैदान पर 10 मैचों के बाद टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए इस मैच में 302 रनों का स्कोर खड़ा किया और ऑस्ट्रेलियाई टीम महज 289 रन पर ऑल आउट हो गई।
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में आखिरी मैच के दौरान पहली बार अपनी गेंदबाजी में फॉर्म देखा गया जिसने काफी समय बाद पावरप्ले में विकेट हासिल किया और उसके स्पिनर्स ने भी 2 विकेट हासिल किये।
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उल्लेखनीय है कि सीरीज के पहले 2 मैचों में भारतीय टीम की गेंदबाजी काफी बुरी रही और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने उनकी जमकर धुनाई की, इसी की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाज के खिलाफ पहले मैच में 378 रनों का स्कोर खड़ा किया तो वहीं दूसरे मैच में 389 रनों का स्कोर खड़ा किया। हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी मैच में वापसी की और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 302 रनों का बचाव कर लिया।
इसके साथ ही भारतीय गेंदबाजों ने विदेशी सरजमीं पर एक ऐसा शर्मनाक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया जो कि 22 साल से भारतीय स्पिनर्स के नाम नहीं हुआ था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस दौरे पर भारतीय स्पिनर्स ने 6.86 की औसत से रन दिये जो कि विदेशी दौरे पर दूसरा सबसे महंगा दौरा रहा।
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इससे पहले भारतीय स्पिनर्स 1998 में इंडिपेंडेंस कप के दौरान काफी महंगे साबित हुए थे जिन्होंने 6.23 की औसत से रन लुटाये थे। वहीं इस लिस्ट में 1982-83 के पाकिस्तान दौरा आता है जिसमें भारतीय स्पिनर्स ने 6.94 की औसत से रन लुटाये थे। वहीं घरेलू सरजमीं पर साल 2017 में भारतीय स्पिनर्स का सबसे बुरा औसत इंग्लैंड के खिलाफ रहा जब 2017 में उसने 6.25 की औसत से रन लुटाये।