पंत-साहा दोनों के साथ हुआ है अन्याय
वहीं भारतीय टीम की प्लेइंग 11 में हुए इस बदलाव को लेकर भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने अपनी राय रखते हुए कहा कि मैनेजमेंट ने साहा (Wriddhiman Saha) को प्लेइंग 11 से बाहर करके पंत (Rishabh Pant) को टीम में शामिल कर दोनों के साथ अन्याय किया है।
इस दिग्गज खिलाड़ी का मानना है कि टीम मैनेजमेंट के इस फैसले से खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है और दोनों ही खिलाड़ियों के बीच रोटेशन का फैसला गलत है।
क्या पंत के असफल होने पर उन्हें भी किया जायेगा बाहर
गंभीर ने स्पोर्टस टुडे पर यूट्यूब चैनल पर इस बारे में बात करते हुए कहा,'यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि साहा (Wriddhiman Saha) को पहले टेस्ट मैच के बाद मैच से बाहर कर दिया गया। ऐसे में अगर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) अगले दो मैचों में नाकाम रहते हैं तो क्या उनके साथ भी यही सलूक किया जाएगा? अगर पंत (Rishabh Pant) दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में अच्छा नहीं खेल सके तो क्या उन्हें बाहर कर साहा (Wriddhiman Saha) को टीम में रखा जायेगा।'
गौतम गंभीर ने आगे इस बारे में बात करते हुए कहा कि खिलाड़ी आपके कहने से नहीं बल्कि करने से सुरक्षित महसूस करते हैं, जो मौजूदा टीम मैनेजमेंट नहीं करा सका है।
मैनेजमेंट की वजह से टीम हो रही है अस्थिर
उन्होंने कहा, 'टीम के अस्थिर होने के पीछे यही कारण है क्योंकि खिलाड़ियों के अंदर सुरक्षा का भाव नहीं है। प्रोफेशनल क्रिकेट में सुरक्षा का भाव होना काफी जरूरी है, खिलाड़ियों के अंदर इस बात की सुरक्षा और आश्वासन की जरूरत होती है कि अगर मौका पड़ा तो मैनेजमेंट उनका साथ जरूर देगा।'
गंभीर ने आगे कहा कि भारत के अलावा दुनिया की कोई भी टीम विकेटकीपरों को इतना रोटेट नहीं करता। मुझे लगता है कि पंत (Rishabh Pant) और साहा (Wriddhiman Saha) दोनों के साथ काफी समय से नाइंसाफी हो रही है। हालात के मुताबिक उन्हें चुना जाता है। विकेटकीपरों के साथ ऐसा नहीं किया जाता, ऐसा गेंदबाजों के साथ होता है।