Australia vs India 1st Day Night Test Match: नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज (Border Gavaskar Test Series) के तहत 4 मैचों की सीरीज के पहले मैच का आगाज पिंक बॉल से डे-नाइट (Pink Ball Test Match) प्रारूप में खेला जा रहा है। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने इस मैच से टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और पहले दिन की समाप्ति पर 6 विकेट खोकर 233 रन बना लिये हैं। उल्लेखनीय है डे नाइट टेस्ट मैच में आम टेस्ट क्रिकेट में इस्तेमाल होने वाली लाल गेंद के बजाय पिंक बॉल का इस्तेमाल होता है।
एडिलेड में खेले जा रहे इस मैच में भी पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न (Shane Warne) ने सभी टेस्ट मैचों में लाल गेंद की बजाय गुलाबी गेंद का इस्तेमाल करने की बात कही। शेन वॉर्न (Shane Warne) का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में लाल गेंद से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिलती जबकि पिंक बॉल से गेंदबाजों को काफी मूवमेंट देती है।
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फॉक्स क्रिकेट के साथ बात करते हुए शेन वॉर्न (Shane Warne) ने कहा,'मैं पिछले कई सालों से यह कहता रहा हूं कि सभी टेस्ट मैचों में पिंक बॉल का ही इस्तेमाल करने की बात कह रहा हूं। फिर चाहे वो डे-नाइट मैच हो या फिर सिर्फ दिन का क्रिकेट। इसके इस्तेमाल करने के कई फायदे होते हैं। पिंक बॉल न सिर्फ देखने में आसान होती है कि जबकि दर्शकों को भी इसे देखने का मजा आता है। यह टीवी पर देखने में भी अच्छी लगती है और इसीलिये पिंक बॉल का इस्तेमाल होना चाहिये।'
शेन वॉर्न (Shane Warne) ने आगे कहा कि लाल गेंद से स्विंग भी नहीं मिलती है जबकि पिंक बॉल से स्विंग देखने को मिलती है।
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उन्होंने कहा,'मेरा मानना है कि लाल गेंद ज्यादा स्विंग नहीं करती जबकि पिंक बॉल से गेंदबाजों को मदद मिलती है। पिंक बॉल 60 ओवर्स के बाद नरम होती है जबकि लाल गेंद महज 25 ओवर्स के बाद ही नरम हो जाती है। इंग्लैंड में ड्यूक गेंद को छोड़कर सभी लाल गेंद बकवास है, इसलिये मैं चाहता हूं कि सिर्फ पिंक बॉल का इस्तेमाल होना चाहिये।'