प्राइवेट लीग का आयोजन कराता था रविंदर
ऑस्ट्रेलिया के दैनिक अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने विक्टोरिया पुलिस के हवाले से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसके अनुसार रविंदर दांडीवाल को पुलिस ने मैच फिक्सिंग का हेड बताया गया है, जो टेनिस में कम रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को मैच में सट्टा लगाने के बाद उन्हें मैच छोड़ने के लिए कहता था।
इसको लेकर अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट के चीफ अजीत सिंह से बात की। इसको लेकर अजीत सिंह ने बताया कि वह मूल रूप से मोहाली से है, जो पिछले कुछ समय से मध्य एशिया में काफी एक्टिव रहा है। उसका नाम क्रिकेट लीग का आयोजन करने वाले लोगों में भी शुमार है।
बीसीसीआई की भी है लंबे वक्त से नजर
बीसीसीआई एंटी करप्शन चीफ ने बताया कि रविंदर दांडीवाल का नाम हरियाणा में एक निजी लीग के आयोजन भी सामने आया था जिसके बाद बीसीसीआई ने अफने सभी पंजीकृत खिलाड़ियों को एडवाइजरी जारी कर लीग में भाग न लेने की हिदायत दी थी।
उन्होंने कहा, 'ऑस्ट्रेलियाई पुलिस द्वारा दिखाई गई फोटो में दांडीवाल को फिक्सिंग का सरगना बताया गया है। यह भारतीय शख्स बीसीसीआई की रडार पर भी है। हम अपने घरेलू और राष्ट्रीय खिलाड़ियों के शैक्षिक सत्र में हमेशा अपने खिलाड़ियों को इस शख्स से सावधान रहने के बारे में बताते हैं।'
अभी तय नहीं किये गये हैं रविंदर पर आरोप
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलियाई अखबार के मुताबिक पुलिस ने अभी रविंदर पर किसी भी तरह के आरोप तय नहीं किये हैं। खबर के अनुसार फिक्सिंग रैकेट मामले में पुलिस ने मेलबर्न में रहने वाले भारतीय मूल के दो अन्य नागरिकों राजेश कुमार और हरसिमरत सिंह को मेलबर्न कोर्ट में पेश किया था। इन दोनों पर आरोप है कि फिक्सिंग के जरिये इन्होंने गैर कानूनी ढंग से 3 लाख 30 हजार ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की कमाई की हैं।
विक्टोरिया पुलिस ने इन दोनों पर 2018 में खेले गए कम से कम दो टेनिस टूर्नमेंट में 'भ्रष्टाचार' के आरोप दायर किए हैं। ये टूर्नामेंट ब्राजील और इजिप्ट में खेले गए थे। राजीव और हरसिमरत पर आरोप है कि उन्हें दांडीवाल से यह सूचना मिली थी कि एक या इससे ज्यादा खिलाड़ियों ने रवींदर दांडीवाल के साथ मिलकर मैच के रिजल्ट को प्रभावित करने की हामी भरी थी।