नई दिल्ली। टीम इंडिया के जबरदस्त स्पिन गेंदबाज अक्षर पटेल ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैच में 27 विकेट लेकर रिकॉर्ड कायम कर दिया है और वह जबरदस्त फॉर्म में हैं। टेस्ट क्रिकेट में अपने डेब्यू को लेकर अक्षर पटेल ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में मैं अपना पहला टेस्ट खेलने जा रहा था लेकिन मुझे दूसरे टेस्ट में मौका मिला। पहले टेस्ट के दौरान मेरे घुटने में दर्द था, डॉक्टर ने कहा कि ये इसलिए हो सकता है क्योंकि मैं लॉक़डाउन के बाद गेंदबाजी कर रहा हूं, मैंने बहुत गेंदबाजी नहीं की है, वो सुनिश्चित नहीं थे, मैंने स्कैन करवाया मैं समझ नहीं पा रहा था क्या करूं, मैं अपना पहला टेस्ट खेलने वाला था और मेरे साथ ये हो रहा था। मैने घर पर मां-पिता से बात की, मैं बहुत दुखी था। लेकिन जब दूसरे टेस्ट में मुझे मौका मिला तो रवींद्र भाई और रवि भाई, विराट और रोहित थे मुझे टेस्ट कैप दी गई। विराट ने कहा मुझे कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है, मैंने खुद को साबित कर दिया है तभी मैं यहां टीम में हूं। मैं सोचा ये सही है, मैं अपना नैचुरल खेल दिखाएं, मेरी सोच बिल्कुल स्पष्ट थी।
इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज खेलने के बाद इंग्लैंड के खिलाड़ियों के खेलने के तरीके और सोच के बारे में अक्षर ने कहा कि जब इंग्लैंड के बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ शंका में होते हैं कि गेंद घूमेगी या नहीं तो वो स्वीप शॉट खेलने लगते हैं, रिवर्स शॉट खेलते हैं। अगर कोई स्टंप टू स्टंप गेंदबाजी करे तो उनके लिए मुश्किल होती है, लेकिन अगर गेंद ऑफस्टंप के बाहर गिर रही है या लेग स्टंप के बाहर जा रही है तो वो स्वीप करते हैं। वो गेंदबाज के हाथ को नहीं देखते हैं, बल्कि गेंद कहां गिर रही है ये देखते हैं।
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अक्षर ने कहा कि जबसे मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, मेरा सपना था कि मैं टेस्ट क्रिकेट खेलूं, सौभाग्य से इस साल मुझे मौका मिला, प्रदर्शन के हिसाब से यह मेरा सबसे अच्छा साल है। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के बाद बदलाव के बारे में अक्षर ने कहा कि मुझमे कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन मुझे पहचान मिल गई, लोगों की सोच मेरे लिए बदल गई, उन्हें भरोसा हो गया कि मैं टेस्ट में भी अच्छा कर सकता हूं। मेरा सीरीज में आत्मविश्वास जबरदस्त था। कोरोना संक्रमण से लौटने के बाद भी मैंने अपने लय नहीं खोई, जब मैंने आईपीएल खेला तो भी मेरे अंदर वही आत्मविश्वास था।