9वीं फेल हैं हार्दिक पांड्या:
11 अक्टूबर 1993 को सूरत में जन्मा टीम इंडिया का यह सुपर स्टार आज अपना 25वां जन्मदिन मना रहा है।2015 में जॉन राइट ने पांड्या के टैलेंट में क्षमता देखी और उन्हें आईपीएल की मुंबई इंडियंस टीम में शामिल कर लिया। हार्दिक पांड्या 9वीं कक्षा फेल हैं। क्योंकि उन्होंने क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पढ़ाई छोड़ दी थी।
5 साल की उम्र में ही किरन मोरे को भा गए थे पांड्या :
आंखों में सपने भरे क्रुनाल पांड्या (7) और हार्दिक पांड्या (5) के पिताजी अपने दोनों बच्चों को जब पूर्व भारतीय विकेट कीपर किरन मोरे की क्रिकेट एकेडमी में ले गए तो मोरे ने उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया। दरअसल मोरे की एकेडमी में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता था। हालांकि हार्दिक के पिता को अपने बच्चों के टैलेंट पर विश्वास था। उन्होंने किसी तरह मोरे को मनाया और कहा कि आप एक बार बच्चों का स्किल टेस्ट लेकर देख लीजिए। इसके बाद जो हुआ वो हर कोई जानता है। दोनों भाइयों ने उस छोटी सी उम्र में क्रिकेट को बारीकियों के साथ खेला था। उसी दिन से किर मोरे की एकेडमी के रूल हमेशा के लिए बदल गए। दोनों को एडमिशन मिल गया। एक जगह इंटरव्यू में मोरे ने पांड्या के पहले दिन के बारे में अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि ये दोनों बच्चे इस उम्र में क्रिकेट को बारिकी से परख रहे हैं।
गरीबी से उबरकर निकला है ये हीरा:
हार्डिक पांड्या एक आर्थिक रूप से मजबूत परिवार से नहीं है। उनके परिवार को दिन में एक बार भोजन करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा है। पांड्या के पिता ने उनके क्रिकेट करियर के लिए बहुत बलिदान किया है। वे पांड्या की ट्रेनिंग के लिए सूरत से बांद्रा आकर बस गए। किरण मोरे ने अपनी अकादमी में पहले तीन वर्षों के लिए हार्दिक पांड्या से कोई फीस नहीं ली। हार्दिक के साथी ने उन्हें "रॉकस्टार" कहकर बुलाते हैं। सर जडेजा ने टीम में उन्हें ये उपनाम दिया गया था।
केन्या का खिलाड़ी समझकर मांग लिया ऑटोग्राफ:
केन्या की टीम भारत आई थी। लोग केन्या के खिलाड़ियों का ऑटोग्राफ लेना चाहते थे। लेकिन कोई भी खिलाड़ी उन्हें ऑटोग्राफ नहीं दे रहा था। अचानक, उन्होंने हार्दिक को देखा और सभी के बीच, उन्होंने हार्दिक को अकेले ऑटोग्राफ दिए, क्योंकि उन्हें लगा कि हार्दिक उनके देश से है। इस कारण उन्होंने इसे ऑटोग्राफ दिए।' दरअसल सावले रंग के होने की वजह से कई बार पांड्या को लोग काला कहकर भी चिढ़ाते थे।
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मैगी खाकर गुजारे गरीबी के दिन:
ऑलराउंडर ने एक इंटरव्यू में बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उन्होंने ऐसे भी दिन देखे जब नाश्ता और डिनर में सिर्फ मैगी खाकर रहना पड़ा। यह तो अधिकांश लोग जानते हैं कि एक एथलीट की डाइट कितनी होती है, लेकिन हार्दिक ने पैसों की तंगी को देखते हुए इससे समझौता किया।