5. स्टीव वॉ (104 बार)
अपने स्वर्ण युग में कंगारूओं का नेतृत्व करने वाले महान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान विश्व क्रिकेट के उन चुनिंदा बल्लेबाजों में से एक हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि वॉ उन कुछ खिलाड़ियों में से हैं जिनके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार नॉट आउट होने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 1999 के विश्व कप के फाइनल में नॉट आउट रहकर ऑस्ट्रेलिया को जीतने में भी मदद की थी। वॉ टेस्ट क्रिकेट में 46 बार और वनडे में 58 बार नॉट आउट रहे।
4. चमिंडा वास (108 बार)
ये श्रीलंकाई खिलाड़ी अपनी स्विंग बॉलिंग कौशल के लिए जाना जाता है। वास श्रीलंका के लिए एक आलराउंडर के तौर पर टीम का नेतृत्व करते थे। वास के नाम टेस्ट में 3000 और वनडडे में 2000 रन हैं। वास टेस्ट क्रिकेट में 35 बार, वनडे में 72 बार और एक बार टी20 में नॉट आउट रहे हैं।
3. शॉन पोलक (113 बार)
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर और कप्तान अपनी बल्लेबाजी के अलावा स्विंग गेंदबाजी के लिए भी जाने जाते थे। पोलाक ने टेस्ट में 2 शतक और वनडे में 1 शतक बनाया है। पोलाक टेस्ट में 39 बार, वनडे में 72 बार और टी20 में एक बार नॉट आउट रहे हैं। कुल मिलाकर सबसे ज्यादा बार नॉट रहने के मामले में पोलाक तीसरे नंबर पर आते हैं।
2. मुथैया मुरलीधरन (119 बार)
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट (800) लेने वाले मुथैया मुरलीधरन के नाम एक और बड़ा कारनामा दर्ज है। जी हां, दरअसल इस श्रीलंकाई मुख्य गेंदबाज के नाम सबसे ज्यादा बार नॉट आउट रहने का रिकॉर्ड है। इस मामले में मुथैया मुरलीधरन दूसरे नंबर पर आते हैं। मुथैया टेस्ट में 56 बार वनडे में 63 बार और टी20 में 2 बार नॉट आउट रहे हैं।
1. एमएस धोनी (120 बार)
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दुनिया का बेस्ट फिनिशिर यूं ही नहीं कहा जाता है। विकेट कीपर बल्लेबाज धोनी सबसे ज्यादा बार नॉट आउट होने के मामले में नंबर वन पर हैं। धोनी 120 बार नॉट आउट होकर पवेलियन लौटे हैं। टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले चुके धोनी 16 बार नॉट आउट रहे हैं। वहीं वनडे में 71 और टी20 में 33 बार नॉट आउट रहे हैं। श्रीलंका के खिलाफ दूसरे मैच में नाबाद पवेलियन लटते ही धोनी ने मुथैया मुरलीधरन (119) के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।