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'फ्लॉप शो' के बाद क्या भारत में दोबारा होगा पिंक बॉल टेस्ट? BCCI खुद नहीं है उत्सुक

नई दिल्लीः भारत में यह केवल दूसरा डे-नाइट टेस्ट मैच हुआ है और इतनी सारी बातें शुरू हो चुकी हैं। अहमदाबाद में होने वाला मैच केवल दो ही दिनों में समाप्त हो गया था जिसके बाद बीसीसीआई को कठघरे में खड़ा कर दिया गया है और पूछा जा रहा है क्या यह टेस्ट मैच के लिए उपयुक्त पिच हैं।

बताया जा रहा है कि अब बीसीसीआई देश के अंदर पिंक बॉल टेस्ट मैच कराने के बारे में खुद उत्सुकता नहीं दिखा रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय टीम के कुछ सदस्य चिंतित है कि क्या इस तरह के मैचों का कोई बहुत अच्छा भविष्य है या नहीं?

अब लगता है कि बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के इस फीडबैक को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। एक अधिकारी ने समाचार पत्र से कहा है- "जो भी खिलाड़ी कहते हैं वह महत्वपूर्ण होता है। इसके बारे में जल्दी ही फैसला करेंगे कि हमको भविष्य में पिंक बॉल टेस्ट मैच कराना चाहिए या फिर नहीं।"

ICC 'गूंगा' होकर 'ताकतवर' भारत को उसके मन मुताबिक सब करने दे रहा है- माइकल वॉनICC 'गूंगा' होकर 'ताकतवर' भारत को उसके मन मुताबिक सब करने दे रहा है- माइकल वॉन

आपको बता दें कि पिंक बाल के ऊपर एक अतिरिक्त परत चढ़ाई जाती है जिसके कारण कई बार यह गेंद क्रिकेट पिच पर फिसलती हुई बल्लेबाज के पास आती है। इस वजह से यह काफी समस्याएं खड़ी करती है। आपको यह भी बता दें कि इससे पहले भारत में कोलकाता के ईडन गार्डन में पिंक बॉल टेस्ट मैच हुआ था, जो कि देश में होने वाला पहला पिंक बॉल टेस्ट मैच था। यह टेस्ट मैच भी 5 दिनों तक नहीं चला था।। गुरुवार को मिली 10 विकेट की जीत के बाद भारतीय टीम के मैनेजमेंट ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा है-

पिच छोड़िए, कहीं गुलाबी गेंद तो नहीं थी असली 'खिलाड़ी'? जानिए जो रूट का क्या है कहनापिच छोड़िए, कहीं गुलाबी गेंद तो नहीं थी असली 'खिलाड़ी'? जानिए जो रूट का क्या है कहना

"समस्या यह है की पिंक बॉल काफी तेजी से स्किड करती हुई बल्लेबाज के पास आती है जो कि लाल गेंद की तुलना में बिल्कुल अलग होता है। बल्लेबाज की मसल्स मेमोरी लाल गेंद के हिसाब से बनी होती है जो कि टप्पा खाने के बाद खास स्पीड से ही बल्लेबाज के पास आती है लेकिन पिंक बॉल उससे कहीं अधिक तेजी से बल्लेबाज के पास आ रही है और खिलाड़ियों को यहां पर काफी दिक्कतें हो रही हैं। साथ ही, हमारे खिलाड़ी भी डे-नाइट टेस्ट को लेकर बहुत उत्सुक नहीं है क्योंकि पिंक बॉल के साथ बहुत सीरीज बातें ध्यान में रखने वाली होती हैं, जिसमें गेंद को देखने में आने वाली परेशानी भी शामिल है।"

इससे पहले भारत ने एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट मैच खेला था जहां पर वह केवल 36 रनों पर ही आउट हो गया था। वह मुकाबला 4 दिनों तक चला था ऐसे में जब पिंक बॉल के मैच ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल रहे हैं तो विज्ञापनदाता और ब्रॉडकास्टर्स डे नाइट टेस्ट मैच को लेकर बहुत उत्सुक नहीं हैं।

Story first published: Saturday, February 27, 2021, 13:06 [IST]
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