नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के लिये दुख भरी खबर आई है। सौरव गांगुली के बचपन के क्रिकेटट कोच अशोक मुस्तफी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार की सुबह 86 साल की उम्र में निधन हो गया था। अशोक मुस्तफी को सौरव गांगुली समेत भारतीय क्रिकेट में एक दर्जन से ज्यादा शानदार खिलाड़ियों को देने के लिये जाना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार कोच अशोक मुस्तफी लंबे समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे जिसके बाद अप्रैल में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
पिछले कुछ समय से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी लेकिन गुरुवार की सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। कोच अशोक मुस्तफी के परिवार में उनकी एक बेटी है जो कि लंदन में रहती है।
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अशोक के पारिवारिक सूत्रों ने बताया, 'वह दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे और अप्रैल में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने अंतिम सांस ली।'
उल्लेखनीय है कि कोच अशोक मुस्तफी मशहूर दुखीराम क्रिकेट कोचिंग सेंटर में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते थे जो कि आगे चलकर आर्यन क्लब गैलरीज के अंडर आ गया था। इसे एक समय में बंगाल क्रिकेट की नर्सरी समझा जाता था, जिन्होंने सौरव गांगुली समेत एक दर्जन से अधिक रणजी क्रिकेटर दिए।
बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) अध्यक्ष अविषेक डालमिया ने शोक संदेश में कहा, 'मैं मुस्तफी सर के निधन से दुखी और हैरान हूं। क्रिकेट में उनका योगदान, विशेषकर खिलाड़ियों का करियर बनाने को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार के प्रति गहरी संवदेनाएं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।'
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आपको बता दें कि सौरव गांगुली के पिता ने उनके शुरुआती दिनों में अशोक के पास ट्रेनिंग के लिये भेजा था जहां पर वह अपने मित्र संजय दास के साथ कोचिंग लेते थे। कोच अशोक मुस्तफी की हालत बिगड़ने के बाद गांगुली ने अपने करीबी मित्र संजय के साथ मिलकर उनके उपचार का इंतजाम किया था।