किस आधार पर छापी जाती है ऐसी खबरें
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने 16 सितंबर को टी20 विश्वकप के बाद इस प्रारूप से अपनी कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था जिसके बाद ऐसी मीडिया रिपोर्टस सामने आयी थी कि भारतीय कप्तान चयनकर्ताओं के पास रोहित को उपकप्तान से हटाने की मांग को लेकर गये थे जिसके चलते यह फैसला लिया गया। वहीं पर 28 सितंबर को रिपोर्ट आयी कि भारत के सीनियर क्रिकेटर्स चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने जय शाह से कोहली की कप्तानी को लेकर शिकायत की थी।
बीसीसीआई के ट्रेजरर अरुण धूमल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा,'मीडिया को कुछ भी बकवास लिखने से बचना चाहिये। मुझे यह बात ऑन रिकॉर्ड कहने दीजिये कि किसी भी भारतीय क्रिकेटर ने बीसीसीआई के सामने कोई शिकायत नहीं की है, न ही लिखित में और न ही मौखिक रूप से। बीसीसीआई हर गलत रिपोर्ट का जवाब नहीं दे सकती जो ऐसे अफवाह के रूप में निकलती आयेंगी। कुछ दिन पहले मैंने रिपोर्ट देखी थी कि भारत की विश्वकप टीम में बदलाव होंगे। किसने यह बात कही।'
बीसीसीआई को नहीं मिली है कोई शिकायत
13 सितंबर को टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट किया था कि कोहली भारतीय क्रिकेट के सीमित ओवर्स प्रारूप की कप्तानी से इस्तीफा देने वाले हैं, जिसको लेकर धूमल ने इंकार किया था कि बीसीसीआई ने स्प्लिट कैप्टेंसी को लेकर कोई बात नहीं की है। भले ही 16 सितंबर को टीओआई की रिपोर्ट सच साबित हुई लेकिन धूमल तकनीकी रूप से सही थे क्योंकि कोहली को कप्तानी से हटाने का फैसला बीसीसीआई ने नहीं बल्कि वो उनका खुद का है।
धूमल ने इसको लेकर कहा,'मीडिया ने मुझसे सवाल किया था कि क्या बीसीसीआई ने कोहली को हटाने का कोई निर्णय लिया है, मैंने इंकार किया क्योंकि यही सच है। बीसीसीआई ने न ही इसको लेकर बात की थी और न ही कोई निर्णय लिया गया था। असल में विराट कोहली ने खुद यह निर्णय लिया था और बीसीसीआई को इस बारे में बताया। वह उनका डिसिजन था। आज वही मीडिया दावा कर रही है कि खिलाड़ियों ने बीसीसीआई से शिकायत की थी, तो बोर्ड की तरफ से मैं यह कह सकता हूं कि ऐसी कोई शिकायत नहीं आयी है।
मुझे नहीं लगता कि अब इसको लेकर होनी चाहिये कोई कन्फ्यूजन
अरुण धूमल ने आगे बात करते हुए कहा कि क्या इसको लेकर किसी तरह की कन्फ्यूजन है, मुझे नहीं लगता है कि इसको लेकर कोई कन्फ्यूजन होनी चाहिये क्योंकि बीसीसीआई सचिव को किसी भी तरह की शिकायत के बारे में नहीं पता है। जिन्हें इस बारे में पता है वो जरा बतायें कि क्या सच में खिलाड़ियों ने सचिव से शिकायत की थी।
बीसीसीआई ने कहा कि यह काफी हैरान करने वाला है कि कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने के कुछ घंटे बाद ही मीडिया के एक सेक्शन को सबकुछ पता चल जाता है कि बीसीसीआई और भारतीय टीम के बीच क्या चल रहा है। लेकिन 24 घंटे पहले तक किसी को पता नहीं होता है कि किसने किससे किसके खिलाफ शिकायत की है।
ऐसी रिपोर्टिंग से टीम को होता है नुकसान
अरुण धूमल ने मीडिया की ऐसी खबरों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी रिपोर्टिंग से टीम को नुकसान होता है और खिलाड़ियों के मनोबल पर असर पड़ता है।
उन्होंने कहा,' इस तरह की रिपोर्टिंग से किसी और से ज्यादा भारतीय क्रिकेट को नुकसान होता है। हम समझ सकते हैं कि अगर कुछ वरिष्ठ पत्रकार जो लंबे समय से खेल को समर्पित भावना से रिपोर्ट कर रहे हैं कि वो बताये कि भारतीय टीम को क्या करना चाहिये या क्या नहीं। यह उनके विचार हैं और हम उसका सम्मान करते हैं। यह उनकी जॉब है और ऑब्जर्वेशन है। मैं खुद ऐसी खबरे पढ़ना पसंद करता हूं। लेकिन अगर आप ऐसी कहानिंयां सुनायें जिसमें किसने क्या कहा, किसकी वजह से क्या हुआ जैसी झूठी अफवाह हो वो भी बिना किसी सबूत के तो यह गलत होगा।'