नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की रविवार को हुई वर्चुअल बैठक में टोक्यो ओलम्पिक्स का हिस्सा बनने वाले खिलाड़ियों की तैयारियों और कैंपेन के प्रमोशन के लिये बोर्ड ने आर्थिक मदद करने का फैसला करते हुए 10 करोड़ रुपये दान करने का ऐलान किया है। बीसीसीआई ने अपने इस फैसले में खिलाड़ियों की तैयारी के लिये 2.5 करोड़ जबकि टोक्यो ओलम्पिक्स के दौरान भारतीय खिलाड़ियों की मार्केटिंग और प्रमोशन के लिये 7.5 करोड़ रुपये दान करने का ऐलान किया है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए खिलाड़ियों की तैयारी से जुड़े इस फैसले की पुष्टि की है।
उन्होंने कहा,'बीसीसीआई की उच्च स्तरीय बैठक में आज यह फैसला लिया गया है जिसमें 2.5 करोड़ रुपये एथलीट को तैयारियों के लिये जबकि 7.5 करोड़ रुपये मार्केटिंग और प्रमोशनल गतिविधियों के लिये इस्तेमाल किया जायेगा।'
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भाला फेंक नीरज चोपड़ा और पहलवान विनेश फोगाट की ओर से यूरोप में 25 जुलाई तक टोक्यो ओलंपिक्स की तैयारियों के लिये दिये गये प्रस्ताव को मिशन ओलम्पिक सेल ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी थी। नीरज ने स्वीडन के उप्पसला में 21 जून से तैयारी करने का प्रस्ताव दिया है जिसकी लागत करीब 34.87 लाख रुपये आने वाली है। वहीं पर एमओसी ने 65 किग्रा पहलवान बजरंग पुनिया के विश्व चैम्पियन मिर्जा स्खुलुखिया से सीखने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव के 2.53 लाख रुपये की लागत रही है। इस ओलंपिक साइकल में भारत सरकार ने बजरंग पुनिया पर अब तक 2.06 करोड़ रुपये खर्च कर दिये हैं।
इस बीच भारतीय ओलंपिक संघ ने जापान सरकार की ओर से जारी किये गये नये दिशानिर्देशों पर सवाल उठाने का काम किया है जिसमें भारतीय एथलीट को टोक्यो में पहुंचने के बाद 3 दिन तक किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं होगी फिर चाहे वो उनकी टीम के खिलाड़ी, दूसरी टीम के खिलाड़ी, कोच और भारतीय दल का कोई सदस्य ही क्यों न हो।
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भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और सचिव राजीव मेहता ने टोक्यो ओलंपिक की आयोजक समिति को पत्र लिखकर इन दिशा निर्देशों की आलोचना की और इन्हें भारतीय खिलाड़ियों के प्रति पूरी तरह से गलत और भेदभावपूर्ण बताया। उन्होंने लिखा कि खिलाड़ियों को खेल गांव में सिर्फ 5 दिन पहले आने की इजाजत दी गई है और इसमें से भी 3 दिन एक जगह बंद कर कहीं भी जाने की इजाजत न देकर हमारे खिलाड़ियों के साथ काफी भेदभाव किया जा रहा है। खिलाड़ियों को इस वक्त अभ्यास की जरूरत होती है।