नई दिल्ली। हैदराबाद के कप्तान अंबाती रायडू को बीसीसीआई ने दो मैचों के लिए बैन कर दिया है। दरअसल 11 जनवरी, 2018 को हैदराबाद और कर्नाटक के बीच हुए सैयद मुस्ताक अली ट्राफी मैच के दौरान बीसीसीआई ने रायडू को आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए पाया था जिसके बाद उन्हें दो मैचों के लिए बैन कर दिया है। अब अंबाती रायडू आगामी विजय हजारे ट्रॉफी में हैदराबाद के लिए पहले दो मैचों में नहीं खेल पाएंगे।
बता दें कि 11 जनवरी को कर्नाटक और हैदराबाद के बीच सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में रायडू ने अंपायर के एक फैसले पर नाराजगी जताई थी।रायडू ने अपराध का दोषी ठहराए जाने के बाद बीसीसीआई द्वारा प्रस्तावित बैन की मंजूरी को स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद अब औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं रही।
ऑन फील्ड अंपायर अभिजीत देशमुख, उल्हास विठ्ठलराव गंधे और थर्ड अंपायर अनिल दांडेकर ने अंबाती को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया। आपको बता दें कि रायडू पर बैन लगाने के बाद बीसीसीआई हैदराबाद टीम मैनेजर की भूमिका पर भी विचार कर रहा है।
ये था पूरा मामला
हैदराबाद के गेंदबाज मोहम्मद सिराज 20वां ओवर करा रहे थे। ओवर की आखिरी बॉल पर कर्नाटक के बल्लेबाज करुण नायर ने शॉट लगाया। बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे मेहदी हसन ने बॉल को चौका होने से बचा लिया, लेकिन जब रिप्ले में देखा गया तो उनका पैर बॉउंड्री से सट गया था।
हालांकि अंपायरों ने इसे पहले दो रन ही करार दिया, लेकिन जब कर्नाटक फील्डिंग करने आई तो विनय कुमार अंपायरों से इस बात की शिकायत करने लगे और कर्नाटक के टोटल में दो रन अतिरिक्त जोड़ दिए गए। जहां पहले हैदराबाद को यह मैच जीतने के लिए पहले तो 203 रन चाहिए थे तो वहीं अब उसे अंपायर के फैसले के बाद 205 बनाने थे।
एक मजेदार वाक्या ये हुआ कि 205 रन का पीछा करने उतरी हैदराबाद की टीम ने निर्धारित 20 ओवर में 203 रन ही बना पाई। लेकिन मैच खत्म होने के बाद हैदराबाद के कप्तान अंबाती रायडू अपनी टीम के साथ मैदान पर आए और सुपर ओवर करवाने की मांग करने लगे।