नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आईसीसी के मांग पर राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी (नाडा) के साथ काम करने का फैसला कर लिया है। यह निर्णय बोर्ड के अधिकारियों और प्रशासकों की समिति की आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर के साथ हुई बैठक के बाद लिया गया। बोर्ड नाडा के साथ मिलकर अगले 6 महीनों में इस पर काम करेगा।
आपको बता दें कि विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने आईसीसी ने साफ तौर पर कहा था बीसीसीआई को नाडा के दायरे में आना होगा। इसमें बीसीसीआई कुछ शर्तों के साथ तैयार हुआ है। इस मामले में भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने साफ कहा है कि वे नाडा के डोप नियंत्रण अधिकारियों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकते हैं। नाडा के डीसीओ द्वारा नमूने को सही ढंग से कलेक्ट नहीं करने के काफी उदारहण मिले हैं।
ऐसे में बोर्ड ने साफ किया है कि नाडा को खिलाड़ियों के मूत्र का सैंपल खुद एकत्र करके देगा। क्योंकि यहां मामला विराट कोहली और धोनी जैसे देश के सबसे बड़े खेल नामों का भी है। बोर्ड ने कहा, हम 10 प्रतिशत ही नमूने मुहैया कराएंगे जो कि न्यूमतम जरूरत है। इसमें टॉप क्रिकेटरों और कई प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के नमूने शामिल होंगे।
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इस बारे में बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया है कि आईसीसी, बीसीसीआई और नाडा के बीच त्रिपक्षीय करार होगा, जिसके तहत पंजीकृत पूल में शामिल खिलाड़ियों के सैंपल राष्ट्रीय डोप प्रयोगशाला (एनडीटीएल) में नाडा के जरिए जाएंगे। आपको बता दें कि अब तक भारतीय क्रिकेटरों के सैंपल स्वीडन की आइडीटीएम कलेक्ट करती थी।
इसके अलावा आईसीसी और बीसीसीआई के बीच 150 करोड़ रुपए की कर माफी भी चर्चा हुई। जिसमें 2016 टी-20 विश्व कप के साथ-साथ भविष्य में होने वाले 2021 टी-20 विश्व कप और 2023 आइसीसी वनडे विश्व कप का बकाया भुगतान शामिल था। इस बारे में भारतीय बोर्ड ने आइसीसी को भरोसा दिलाया है कि नई सरकार के गठन के बाद हम उनसे छूट का अनुरोध करेंगे।