नई दिल्ली, 01 अगस्त। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज हर्शल गिब्स ने जिस तरह से बीसीसीआई पर दबाव डालने आरोप लगाया है उसके बाद बीसीसीआई ने हर्शल गिब्स पर पलटवार किया है। दरअसल हर्शल गिब्स ने आरोप लगाया है कि बीसीसीआई उनपर दबाव बना रहा है कि वह कश्मीर प्रीमियर लीग में हिस्सा नहीं लें नहीं तो भारत में क्रिकेट की गतिविधियों में शामिल होने के लिए उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी। हर्शल गिब्स के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए बीसीसीआई की ओर से कहा गया है कि हम उनके बयान की ना तो पुष्टि कर सकते हैं और ना ही सत्यता को साबित कर सकते हैं, वो पहले ही मैच फिक्सिंग की जांच में शामिल हो चुके हैं।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने हर्शल गिब्स के बयान पर पलटवार करते हुए कहा गया है कि भारतीय बोर्ड को अपने अधिकार पता हैं और देश में क्रिकेट को लेकर हमे फैसले लेने का अधिकार है। पूर्व खिलाड़ी ने जो बयान दिया है उसकी सत्यता को साबित नहीं किया जा सकता है और ना ही खारिज किया जा सकता है, वह पहले ही मैच मैच फिक्सिंग मामले में सीबीआई की जांच में शामिल रह चुके हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को यह बात समझनी होगी कि अगर गिब्स के बयान को सही भी मान लें तो बीसीसीआई को पूरा अधिकार है कि भारत में क्रिकेट के तंत्र से जुड़े अपने फैसले खुद ले। सच्चाई यह है कि भारत में क्रिकेट का तंत्र सबसे ज्यादा लोकप्रिय है और दुनियाभर में भारत इसका केंद्र है, जिससे पाकिस्तान को जलन नहीं होनी चाहिए।
बीसीसीआई के अधिकारी ने एएनआई से कहा कि पीसीबी भ्रमित है, जिस तरह से आईपीएल में पाकिस्तान के खिलाड़ियों को नहीं खेलने देने का फैसला हमारा अफना फैसला है और यह आईसीसी के नियमों का उल्लंघन नहीं है, यह पूरी तरह से बीसीसीआई का फैसला है कि वह भारत में आयोजित होने वाले स्थानीय टूर्नामेंट में किसी को खिलाना चाहता है या नहीं। यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। पीसीबी इस मामले को आईसीसी में उठा सकता है लेकिन लेकिन यह समझा जा सकता है कि यह फैसला कहां से आ रहा है। लेकिन पाकिस्तान को यह सोचना चाहिए कि क्या यह मामला आईसीसी में उठाना चाहिए या नहीं।