नई दिल्ली। भारत में तेजी से फैल रही महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन पर भी देखने को मिल रहा है जिसके चलते आईपीएल 2021 में खेले जाने वाले 30वें मैच को स्थगित करना पड़ा है। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम के बीच खेले जाने वाले इस मैच में केकेआर के दो खिलाड़ी वरुण चक्रवर्ती और संदीप वॉरियर के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद बीसीसीआई ने यह फैसला लिया। वहीं पर दिल्ली के बायोबबल में खेल रही टीमों में चेन्नई सुपर किंग्स के खेमें से 3 सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने की खबर ने पैनिक बटन दबा दिया।
हालांकि सीएसके के इन सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव होने को लेकर अभी कन्फ्यूजन बरकरार है। दरअसल रविवार को किये गये आरटी पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार सीएसके के सीईओ के विश्वनाथन, गेंदबाजी कोच लक्ष्मीपति बालाजी और बस की सफाई से जुड़ा एक सदस्य कोरोना वायरस की रिपोर्ट में पॉजिटिव आया था। हालांकि सोमवार को जब रिपोर्ट सामने आई तो रैपिड एंटीजेन टेस्ट किये गये जिसमें तीनों ही सदस्य नेगेटिव पाये गये हैं।
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बीसीसीआई के एक अधिकारी के अनुसार सीएसके का कैंप गलत रिपोर्ट का शिकार हुआ है जैसा कि एनरिच नॉर्खिया के साथ हुआ था। हालांकि सीएसके ने यह साफ किया है कि उसका कोई भी खिलाड़ी को कोरोना वायरस के टेस्ट में पॉजिटिव नहीं पाया गया है। ऐसे में 24 घंटे के अंदर दो तरह की रिपोर्ट ने कन्फ्यूजन पैदा कर दिया है। फ्रैंचाइजी समझ नहीं पा रही है कि उसे इन रिपोर्ट पर भरोसा करना चाहिये या नहीं या फिर किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले उसे कई सारे टेस्ट करने की दरकार है।
आईपीएल से जुड़े एक सदस्य ने इस पर बात करते हुए कहा कि क्या पता पॉजिटिव केसों को नेगेटिव कहकर रिपोर्ट भेजी जा रही है, ऐसे में क्या हम हर रोज मैदान पर जाने का जोखिम नहीं उठा रहे हैं। बीसीसीआई इस समय पता लगाना चाहती है कि कोरोना वायरस का प्रकोप कितना अंदर तक पहुंचा है, इसके लिये उसने सीएसके को लगातार मल्टीपल टेस्ट करने के लिये कहा है।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई का एक अधिकारी ने सोमवार को 500 रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट के साथ दिल्ली पहुंचा। इसको लेकर आईपीएल स्टेकहोल्डर में काफी रोष है और बोर्ड की ओर से बनाये गये बायोबबल को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की है।
उन्होंने कहा,'आईपीएल में एक सेंट्रल बायोबबल नहीं है जिससे इन चीजों पर नजर रखी जा सके। जिस मेडिकल कंपनी को इन सब चीजों की जिम्मेदारी दी गई है उसने बहुत ही घटिया काम किया है। बीसीसीआई को मेडिकल ऑफिसर से सवाल पूछने चाहिये कि बोर्ड की ओर से बनाये गये एसओपी का पालन क्यों नहीं हुआ। टीमों के बायोबबल में पहुंचने से पहले रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट क्यों नहीं था। यह सब काफी बड़ी समस्या बन चुका है।'