नई दिल्ली। क्रिकेट, भारत में खेल नहीं दिवानगी है। इस देश में क्रिकेट लोकप्रिय तो लेकिन इसको नियंत्रित करने वाली संस्था, बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया यानी बीसीसीआइ बेहद विवादास्पद है। बीसीसीआई पहले भी राजनीति का अखाड़ा था और आज भी है। अफसोस की बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद भी इसकी सफाई नहीं हो सकी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) से जिस निष्पक्षता और पारदर्शी कामकाज की उम्मीद की जा रही थी वह पूरी नहीं हुई। इस समिति के अध्यक्ष विनोद राय और एक मात्र खिलाड़ी सदस्य डायना इडुलजी खुद लड़ बैठे। दोनों ने एक दूसरे पर नियमों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। टीम इंडिया के नये कोच को चुनने के लिए आज कपिल देव की जिस एडहॉक कमेटी की चर्चा चल रही है, वह भी नियमों को ताक पर रख कर बनायी गयी थी। डायना इडुलजी आरोप लगा चुकी हैं विनोद राय एकतरफा और गैरकानून फैसले ले रहे हैं जिससे क्रिकेट का नुकासन हो रहा है। नये कोच और सपोर्टिंग स्टाफ की नियुक्ति के लिए जो ताजा विज्ञापन निकला है उसे भी किसी स्वार्थ का हिस्सा बताया जा रहा है।
कपिल की एडहॉक कमेटी से पहले की पृष्ठभूमि
नवम्बर 2018 में भारत की महिला क्रिकेट टीम टी-20 विश्कप के सेमीफाइनल में हार गयी थी। भारतीय की बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी थी। इस मैच में भारत की अनुभवी खिलाड़ी मिताली रोज को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था। तब कप्तान हरमनप्रीत कौर और कोच रमेश पोवार ने कहा था कि मिताली को चोट की वजह से टीम में नहीं लिया गया था। इसके बाद मिताली राज और हरमनप्रीत में अनबन शुरू हो गयी। इस हार के कुछ दिनों के बाद मिताली का एक ईमेल लीक हो गया जो उन्होंने बीसीसीआइ को लिखा था। इस मेल में मिताली ने कोच रमेश पोवार पर गंभीर आरोप लगाये थे। मिताली ने लिखा था कि दो लगातार मैचों में फिफ्टी मारने के बाद भी कोच पोवार ने जानबूझ कर उन्हें सेमीफाइनल से बाहर कर दिया था। हरमनप्रीत ने भी कोच का समर्थन किया। कोच के इस पक्षपातपूर्ण फैसले से भारत एक महत्वपूर्ण मैच हार गया। कहा जाता है बोर्ड की अंदरुनी राजनीति की वजह से इस ईमेल को इरादतन लीक किया गया था। इस ईमेल के सार्वजिनक होने के बाद रमेश पोवार का हटाने की मांग जोर पकड़ गयी। लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर पोवार के पक्ष में आ गयीं। हरमन का कहना था कि मैच की परिस्थियों को ध्यान में रख टीम का चयन किया गया था। चूंकि टीम हार गयी इस लिए इस लिए इस पर विवाद खड़ा किया जा रहा है। इस मसले पर प्रशासकों की समिति दो धड़ों में बंट गयी। डायना पोवार के समर्थन में थी तो विनोद राय पोवार को हटाना चाहते थे।
अब खत्म होगी कोहली-शास्त्री की तानाशाही, पर कतरने की तैयारी शुरू
डायना नेखोली थी बोर्ड में राजनीति की पोल
प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना इडुलजी ने हरमनप्रीत और पोवार का समर्थन किया। डायना ने कहा जब विराट कोहली के कहने पर रवि शास्त्री को कोच बनाया जा सकता है तो हरमनप्रीत के कहने पर पोवार को क्यों नहीं। डायना के मुताबिक, विराट कोहली ने 2017 में तत्कालीन कोच अनिल कुंबले के खिलाफ बोर्ड को कई ईमेल किये थे। इसके बाद बोर्ड के एक पदाधिकारी ने कोच कुंबले से कहा था कि कप्तान आपके काम करने के तरीके खुश नहीं हैं। ये बात कुंबले को अपमानजनक लगी और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कोहली ने रवि शास्त्री को कोच बनाने की राय दी। कोहली की राय पर शास्त्री को कोच बना दिया गया था। इस लिए डायना, हरमनप्रीत की राय पर रमेश पोवार को कोच बनाये रखना चाहती थीं। डायना के इस खुलासे से बीसीसीआई का पक्षपाती रवैया उजागर हो गया था।
विवादों के बीच बनी थी कपिल की एडहॉक कमेटी
महिला टीम के कोच रमेश पोवार को लेकर प्रशासकों की समिति (सीओए) में झगड़ा शुरू हो गया था। डायना इडुलडी और विनोद राय आमने-सामने थे। आखिरकार रमेश पोवार को जाना ही पड़ा। नियमों के मुताबिक नये कोच का चयन बोर्ड की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ही कर सकती थी। राय ने सलाहकार समिति के सदस्य सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण से महिला टीम के होड कोच को चुनने के लिए सम्पर्क किया। लेकिन तीनों ने इससे इंकार कर दिया। इसी बीच दिसम्बर 2018 में सीओए के अध्यक्ष विनोद राय ने बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी और जनरल मैनेजर, क्रिकेट ऑपरेशंस, सबा करीम को कहा कि वे महिला टीम का कोच चुनने के लिए एक एडहॉक सलाहकार कमेटी बनाएं। डायना ने एडहॉक कमेटी बनाने की प्रक्रिया का विरोध किया। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के संविधान के मुताबिक कोई तदर्थ समिति मुख्य कोच नहीं चुन सकती। डायना ने जौहरी और सबा करीम को पत्र लिख कर अगाह किया कि जब तक वे मंजूरी नहीं दें तब तक वे इस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाएं। लेकिन विनोद राय ने डायना के विरोध को दरकिनार करते हुए 12 दिसम्बर 2018 को एडहॉक कमेटी के गठन की घोषणा कर दी। कपिल देव को इस कमेटी का अध्यक्ष और आंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी को इसका सदस्य बनाया गया। डायना इडुलजी ने कपिल की ए़डहॉक एडवायजरी कमेटी को असंवैधानिक और बताया था। लेकिन विनोद राय के आगे डायना की बिल्कुल नहीं चली। कपिल देव की इस कमेटी ने डब्ल्यू वी रमन को महिला टीम का नया मुख्य कोच चुन लिया। अब कहा जा रहा है कि यही विवादास्पद कमेटी टीम इंडिया का नया कोच और सपोर्टिंग स्टाफ चुनेगी।