नई दिल्ली। दुनिया भर में फैली महामारी कोरोना वायरस के बीच भारत के घरेलू क्रिकेट को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। साल 2020 में जब पहली बार इस लहर ने भारत को अपनी चपेट में लिया तो पूरे साल घरेलू स्तर पर कोई क्रिकेट नहीं हो सका। हालांकि 2021 में जब कोरोना वायरस की लहर धीमी हुई तो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के जरिये घरेलू क्रिकेट ने वापसी की। कोरोना वायरस के बीच इन टूर्नामेंट की सफलता के बाद बीसीसीआई ने 2021-22 सीजन के लिये पूरे शेड्यूल को जारी किया और क्रिकेट कैलेंडर के पहले दो टूर्नामेंट के सफल आयोजन के बाद विजय मर्चेंट ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी के आयोजन की तैयारी कर रहा था।
हालांकि कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ रहे खतरे के चलते बीसीसीआई को एक बार फिर से घरेलू क्रिकेट के बड़े टूर्नामेंट विजय मर्चेंट ट्रॉफी को टालना पड़ा है। अंडर-16 आयु वर्ग के लिये खेला जाने वाला यह टूर्नामेंट 9 जनवरी से शुरू होने वाला था, हालांकि ओमिक्रॉन वैरिएंट की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की वजह से यह अपने तय समय पर नहीं खेला जायेगा। उल्लेखनीय है कि यह लगातार दूसरा साल है जब कोरोना वायरस का असर घरेलू क्रिकेट पर देखने को मिला है। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने पहले ही इस बात का इशारा किया था लेकिन अब बोर्ड ने इसको लेकर पुष्टि कर दी है।
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गौरतलब है कि भारत पहले ही कोरोना वायरस की दो खतरनाक लहर का शिकार हो चुका है और अब जिस तरह से ओमिक्रॉन वैरिएंट के केसों में तेजी देखने को मिल रही है, यह तीसरी लहर की ओर इशारा कर रहा है। बुधवार (29 दिसंबर) को 13, 154 केस दर्ज किये गये जो कि पिछले 7 हफ्तों के अंदर 24 घंटे में आये सबसे ज्यादा केस हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के चलते कई खिलाड़ी जो इस टूर्नामेंट का हिस्सा बनने वाले थे वो अपनी तय सीमा से आगे बढ़ गये हैं, जिसकी वजह से खिलाड़ियों का बोन टेस्ट कराया गया और उनके भाग लेने पर अनिश्चितता बरकरार है। बोर्ड ने करीब 60 खिलाड़ियों की पहचान की है जो कि तय सीमा को पार कर गये हैं और 16.5 साल के करीब हैं। हालांकि कई क्रिकेट संघ ने कोरोना की देरी को देखते हुए इन खिलाड़ियों को टूर्नामेंट का हिस्सा बनने देने की अपील की है।
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गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट का आयोजन लगभग एक साल 4 महीने बाद किया जाना था, और बीसीसीआई की तरफ से बोन टेस्ट कराने की वजह से 3-4 महीने की देरी हो गई है, ऐसे में राज्य के क्रिकेट संघ का मानना था कि जो खिलाड़ी 16.5 की उम्र तक पहुंच गये हैं उन्हें इस टूर्नामेंट का हिस्सा बनने का मौका दिया जाना चाहिये। आपको बता दें कि अब जब बीसीसीआई ने एक बार फिर से इस टूर्नामेंट को टाल दिया है तो इन खिलाड़ियों का टूर्नामेंट में भाग ले पाना लगभग नामुमकिन हो गया है।