नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को कोविड -19 के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने अपनी चपेट में लिया है और वुडलैंड्स अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी वे घर पर आइसोलेशन में हैं। पहले यह बताया गया था कि घातक वायरस के ओमाइक्रोन वैरिएंट के लिए नेगेटिव टेस्ट आने के बाद गांगुली को छुट्टी दे दी गई थी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के 49 वर्षीय अध्यक्ष में हल्के लक्षण ही आए थे और उन्हें अस्पताल में कड़ी निगरानी में रखा गया था। गांगुली ने सोमवार रात को ही "मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल" थेरेपी प्राप्त की और फिर वे हॉस्पिटल में "हेमोडायनामिक रूप से स्थिर" रहे। इस बात की जानकारी आधिकारिक तौर पर वुडलैंड हॉस्पिटल ने ही दी थी।
सौरव गांगुली ने वैसे तो वैक्सीन की दोनों डोज ली हुई हैं जिसके चलते शायद उनके लक्ष्णों में भी कमी देखी गई है। बीसीसीआई अध्यक्ष की जिम्मेदारी के तहत उनको कई जगह यात्राएं करनी पड़ती हैं।
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गांगुली को पिछले साल जनवरी के बाद तीसरी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनको पहले सीने में तकलीफ की शिकायत के बाद दो बार भर्ती कराया गया था। गांगुली को वास्तव में कोलकाता में अपने घर पर एक्सरसाइज करने के दौरान दिल का दौरा पड़ा था और उनकी कोरोनरी एंजियोप्लास्टी हुई थी।
20 दिन बाद, गांगुली को फिर सीने में ऐसा ही दर्द हुआ, जिसके कारण 28 जनवरी को एंजियोप्लास्टी का दूसरा दौर हुआ। इस प्रक्रिया के दौरान, दो धमनियों में दो स्टेंट लगाए गए थे।
बता दें कि दुनिया भर में कोरोनावायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। गुरुवार को कोरोना वायरस को लेकर रखी गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए डब्ल्यूएचओ चीफ ने चेतावनी दी है कि, ओमिक्रॉन वैरिएंट से दुनिया भर कोरोना वायरस के 'मामलों की सुनामी' होने की संभावना है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि, ''मैं अत्यधिक चिंतित हूं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट में तेजी से फैलने की क्षमता है और ये काफी ज्यादा संक्रामक है और ये डेल्टा की तरह ही फैल रहा है और मुझे डर है कि, मरीजों के मामले में सुनामी ना आ जाए।'