नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और माैजूदा समय के भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली को एक और बड़ी जिम्मेदारी मिली है। दरअसल, गांगुली को एटीके और मोहन बागान को विलय कर बनी इंडियन सुपर लीग की नई टीम का एक निदेशक चुना गया है। चेयरमैन संजय गोयनका के स्वामित्व वाली एटीके ने तकरीबन 100 साल पुराने मोहन बागान क्लब का 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल कर ली है।गोयनका के नेतृत्व में 10 जुलाई को बोर्ड की बैठक होगी जिसमें क्लब के नाम, जर्सी और लोगो को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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सौरव गांगुली को बतौर निदेशक टीम के बोर्ड में शामिल किए जाने के बाद टीम के सह-मालिक और एक निदेशक उत्सव पारेख ने कहा कि गांगुली टीम के सह-मालिकों में से एक हैं और निदेशक बनने के पूरे योग्य हैं। हम टीम का नाम, जर्सी और लोगो को अंतिम रूप देने के लिए पहली बार 10 जुलाई को मिलेंगे। पिछले महीने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकरण के समय, 'एटीके-मोहन बागान प्राइवेट लिमिटेड' ने पांच सदस्यों का नाम दिया था जिसमें एटीके के सह-मालिक उत्सव पारेख, मोहन मोहन बागान के श्रिंजॉय बोस और देबाशीष दत्ता और दो अन्य सदस्य गौतन रे और संजीव मेहरा के नाम दिए गए थे।
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पारेख ने रविवार को जानकारी दी कि यह केवल औपचारिकता थी जो आधिकारिक तौर पर उद्यम शुरू करने के लिए एक कागजी कार्रवाई है। हमने उस समय गोयनका (टीम के प्रमुख मालिक) को भी बोर्ड का हिस्सा नहीं बनाया था। हमने अब गोयनका और गांगुली को इसमें जोड़ा है। इस विलय से पहले, एटीके ने तीन बार आईएसएल खिताब जीता था जबकि मोहन बागान दो बार आई-लीग चैम्पियन रही है।