इस कारण बीसीसीआई उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि महिम वर्मा ने बीसीसीआई के उपाध्यक्ष पद से इसलिये इस्तीफा दिया क्योंकि संवीधान के अनुसार बोर्ड में एक व्यक्ति एक ही समय पर नेशनल और स्टेट लेवल पर 2 पदों की देखरेख नहीं कर सकता। महिम वर्मा ने हाल ही में उत्तराखंड क्रिकेट संघ का सचिव बनना स्वीकार किया जिसके बाद उन्हें यह इस्तीफा देना पड़ा।
वर्मा ने इस्तीफे पर बात करते हुए कहा, 'मुझे अपने राज्य संघ की भी देखरेख करनी है जिसका संचालन अभी तक अच्छे से नहीं हो रहा था। मैने सीईओ राहुल जौहरी को इस्तीफा दे दिया है। मुझे यकीन है कि इसे स्वीकार किया जायेगा। मैंने बोर्ड सचिव जय शाह को पहले ही बता दिया था, यदि मैं प्रदेश संघ का प्रभार नहीं लेता, तो वहां काम सुचारू रूप से नहीं चल पाता।'
बेहतर काम कर रही है बीसीसीआई की नई टीम
गौरतलब है कि सीओए के 22 महीनों के कार्यकाल के खत्म होने के बाद से बीसीसीआई की नई टीम बेहतर ढंग से काम कर रही है। बोर्ड घरेलू क्रिकेट के ढांचे और खिलाड़ियों को बेहतर बनाने के लिये नित नये फैसले ले रही है। पदभार संभालते के साथ ही बीसीसीआई ने भारत में पहली बार डे-नाईट टेस्ट मैच का आयोजन किया जोकि भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया।
इतना ही नहीं बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के कुछ ही दिनों बाद ही सौरव गांगुली ने अपने पूर्व साथी खिलाड़ी राहुल द्रविड़ से मिलने का फैसला किया, जो राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख हैं और भारतीय क्रिकेट के ढांचे को मजबूत बनाने के तरीकों पर बात की।
गांगुली के नेतृत्व में बीसीसीआई कर रहा नया रोडमैप तैयार
भारतीय क्रिकेट के रोड-मैप पर चर्चा करने के लिए सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ से मिले, घरेलू क्रिकेटरों के लिए अनुबंध जैसा बड़ा कदम उठाकर सौरव गांगुली हजारों घरेलू क्रिकेटरों का भला करने की बात कही थी। दरअसल, अगर गांगुली अनुबंध प्रणाली लाते हैं, तो घरेलू क्रिकेटरों को भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की तरह सालाना कुछ धनराशी दी जाएगी।