समझ नहीं आता कि आईसीसी को किस बात का है इंतजार
उल्लेखनीय है कि क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने दूसरी बार कोरोना वायरस के बीच इस टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर अपनी अक्षमता जाहिर की है। केविन रॉबर्टस के बाद मौजूदा सीए चेयरमैन अर्ल एडिंग्स ने साफ किया कि 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक प्रस्तावित इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर पाना सिर्फ एक सपने जैसा ही है, हकीकत में ऐसा हो पाना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में बीसीसीआई ने आईसीसी की वेट एंड वॉच पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मेजबान देश ने अपनी असमर्थता जाहिर की है उसके बावजूद समझ नहीं आता कि आईसीसी को किस बात का इंतजार है।
जान-बूझकर भ्रम फैला रहे हैं शशांक मनोहर
गौरतलब है कि आईसीसी टी20 विश्व कप के भविष्य के फैसले को लगातार टालने से बीसीसीआई अपने आईपीएल के आयोजन के प्लान पर अमल नहीं कर पा रहा है और इससे तैयारियों पर भी फर्क पड़ रहा है।
इस मुद्दे पर बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘समझ नहीं आता कि आईसीसी चेयरमैन (मनोहर) भ्रम की स्थिति क्यों पैदा कर रहे हैं? अगर मेजबान क्रिकेट बोर्ड टी20 विश्व का आयोजन नहीं करना चाहता तो उन्हें फैलने की घोषणा करने के लिए एक महीना क्यों चाहिए?'
फैसले में देरी से नहीं होगा किसी का फायदा
बीसीसीआई के नाराज अधिकारी का मानना है कि टूर्नामेंट पर फैसले को लेकर देरी करने से किसी का फायदा नहीं होने वाला है। अगर आईसीसी टूर्नामेंट को स्थगित करने को लेकर जल्द फैसला नहीं लेता है तो इससे सदस्य देशों को अपनी द्विपक्षीय श्रृंखलाओं की योजना बनाने में परेशानी होती रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘यह बीसीसीआई या आईपीएल का मामला नहीं है। अगर आईसीसी इस महीने टूर्नामेंट को स्थगित करने की घोषणा करता है तो जिन सदस्य देशों के खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा नहीं है वे भी इस दौरान अपनी द्विपक्षीय श्रृंखलाओं को लेकर योजना बना सकते हैं। फैसला करने में विलंब से सभी को नुकसान होगा।'
जल्द फैसले से आईपीएल तैयारी में मिलेगी मदद
गौरतलब है कि अगर इस मामले पर आईसीसी जल्द से जल्द फैसला करता है तो बीसीसीआई की गवर्निंग काउंसिल को इसके 13वें सीजन की मेजबानी के लिये तैयारी शुरु करने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई इसके आयोजन के लिये यूएई, श्रीलंका, साउथ-अफ्रीका और इंग्लैंड को मेजबान स्थल बनाने के बारे में सोच रहा है। इसमें श्रीलंका भी शामिल होगा जिसके पास प्रेमदासा, पाल्लेकल और हंबनटोटा मैदान हैं। यूएई के मुकाबले श्रीलंका को कम खर्चीले मेजबान के रूप में देखा जा रहा है और सुनील गावस्कर भी कह चुके हैं कि सितंबर में आईपीएल कराने के लिए यह आदर्श देश होगा।
नयी नहीं है बीसीसीआई और मनोहर की तकरार
उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है जब बीसीसीआई और शशांक मनोहर के बीच खुलकर तकरार देखने को मिली हो। सभी को इस बात का पता है कि नागपुर के रहने वाले वकील शशांक मनोहर और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के बीच कड़वाहट भरे रिश्ते रहे हैं और इसी को तनाव की मुख्य वजह माना जा रहा है। वहीं बीसीसीआई से जुड़े लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अगले चेयरमैन के नामांकन की प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा क्यों नहीं की गई।
अधिकारी ने कहा, ‘वह बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष हैं जो हमारे हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। आईसीसी के राजस्व में देश के योगदान के बावजूद बीसीसीआई के राजस्व हिस्से में कटौती की गई है। आईसीसी बोर्ड की कुछ बैठक हुई लेकिन इनमें ईमेल लीग और जांच को नामांकन प्रक्रिया की घोषणा पर तरजीह दी गई। अगर आप मेरे से पूछो तो मुझे यकीन नहीं है कि मनोहर चेयरमैन का पद छोड़ेंगे और तीसरे कार्यकाल का प्रयास नहीं करेंगे।'
अगले चेयरमैन उम्मीदवारों में ग्रेव्स सबसे आगे
आईसीसी चेयरमैन दो साल के तीन कार्यकाल तक अपने पद पर रह सकता है। आईसीसी के बोर्ड सदस्यों को डर है कि नामांकन प्रक्रिया में देरी से सर्वसम्मत उम्मीदवार को चुनने में दिक्कत हो सकती है।
बोर्ड के सदस्य ने कहा, ‘कोलिन ग्रेव्स अब भी दौड़ में सबसे आगे हैं और अगर सौरव गांगुली इच्छुक नहीं होते हैं तो उन्हें बीसीसीआई का भी समर्थन होगा। अगर सर्वसम्मत फैसला नहीं होता है और गांगुली भी उम्मीदवारी पेश करते हैं तो यह रोचक होगा।'
एहसान मनी भी दावेदारों में शामिल हैं जिन्हें निश्चित रूप से बीसीसीआई का समर्थन हासिल नहीं होगा। न्यूजीलैंड क्रिकेट की अध्यक्ष डेबी हॉकले का नाम भी सामने आ रहा है।