नई दिल्ली। इंग्लैंड को विश्व कप विजेता बनाने वाले वाले बेन स्टोक्स ने न्यूजीलैंड देश द्वारा सम्मानित होने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। स्टोक्स को 'न्यूजीलैंडर ऑफ द ईयर' अवार्ड द्वारा दिसंबर में सम्मानित किया जाना था लेकिन उन्होंने बयान जारी करते हुए साफ कहा कि वो इसके सही हकदार नहीं हैं बल्कि केन विलियमसन हैं। स्टोक्स ने बयान जारी कर कहा कि मैं 'न्यूजीलैंडर ऑफ द ईयर' के लिए नामित होने पर काफी खुश हूं। मुझे अपनी न्यूजीलैंड और माओरी विरासत पर गर्व है लेकिन इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए मुझे नामांकित करना ठीक नहीं होगा। ऐसे लोग हैं जो इस अवॉर्ड के असली हकदार हैं और उन्होंने न्यूजीलैंड देश के लिए बहुत कुछ किया है।
स्टोक्स ने आगे कहा, "मैंने इंग्लैंड को विश्व कप जिताने में मदद की है। मैं अब ब्रिटेन का हूं। और मैं यहां तब से है जब मैं 12 साल का था। मुझे लगता है कि पूरे देश को न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को अपना समर्थन देना चाहिए। वे कीवी लीजेंड हैं। उन्होंने इस विश्व कप में अपनी टीम का नेतृत्व गौरव और सम्मान के साथ किया। वह प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे और अपने लोगों के लीडर हैं। वह हर स्थिति में विनम्रता और सहानुभूति दिखाते हैं। वह एक ऑलराउंड दिग्गज हैं। उन्हें देखकर लगता है कि एक न्यूजीलैंडर होना क्या होता है। वह इस अवॉर्ड के असली हकदार हैं। न्यूजीलैंड, उनका पूरा समर्थन करता है। वह इसके हकदार हैं और मेरा वोट भी उनके साथ ही है।"
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बता दें कि स्टोक्स का जन्म न्यूजीलैंड में ही हुआ था। 4 जून 1991 को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में जन्में बेन स्टोक्स जब 12 साल के थे तब उनका परिवार काम के सिलसिले में इंग्लैंड चला गया। इसके बाद से स्टोक्स इंग्लैंड के होकर रह गए और यहीं से अपना क्रिकेटिंग करियर शुरू किया। स्टोक्स को नामित करने के पीछे समिति ने कहा था कि न्यूजीलैंड के कुछ लोग ऐसे हैं जो बेन स्टोक्स को आज भी अपने ही देश का नागरिक मानते हैं। रोचक बात यह है कि स्टोक्स के माता-पिता अभी भी न्यूजीलैंड में रहते हैं। फाइनल मैच के दाैरान वह अपने बेटे की टीम को नहीं, बल्कि न्यूजीलैंड को सपोर्ट कर रहे थे।