नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया काफी मजबूत बन गई है। भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण कोहली-शास्त्री युग के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। भरत ने टीम को ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए अहम भूमिका निभाई। भारत की गेंदबाजी उन्हीं के कार्यकाल में अधिक बदली हुई दिखी। यह कहना सही है कि उन्होंने भारतीय गेंदबाजी को विश्व स्तर पर खतरनाक बनाया। इसके अलावा, गेंदबाजों ने एक टेस्ट मैच जीतने के लिए 20 विकेट चटकाने की आदत भी डाली।
एक गेंदबाजी कोच के रूप में पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि भारतीय गेंदबाज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। सौभाग्य से टीम के लिए, उनके, शास्त्री और कोहली के बीच बहुत अच्छा तालमेल था। द इंडियन एक्सप्रेस के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में पूर्व भारतीय गेंदबाजी कोच से रवि शास्त्री द्वारा टीम में लाए गए बदलवों के बारे में पूछा गया था। उस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि भारत के पूर्व मुख्य कोच के कार्यकाल के दौरान कोई एजेंडा नहीं था।
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भरत अरुण ने कहा, "कोहली-शास्त्री के कार्यकाल में निडरता और ईमानदारी रही। उनका बिल्कुल कोई एजेंडा नहीं था। निर्णय सही या गलत हो सकते हैं, यह आम बात है, लेकिन दोनों ने यही सोचा है कि एक टीम के रूप में हम क्या चाहते हैं।" भारतीय क्रिकेट टीम जब आईसीसी टी20 विश्व कप में सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सकी तो कोहली-शास्त्री की खूब आलोचना हुई। इसपर भरत अरुण ने कहा, '' हम सभी यह चाहते हैं कि हम जीत जाएं, लेकिन आपको ये नहीं भूलना चाहिए कि दूसरी टीम भी जीत हासिल करने के लिए ही आई है। इसलिए कभी-कभी फैसले आपके हक में नहीं जाते हैं।''
रवि शास्त्री को 2017 में टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया था। फिर उन्हें 2019 में उसी भूमिका के साथ फिर से नियुक्त किया गया, जिसमें उनके अनुबंध को 2021 टी 20 विश्व कप तक बढ़ाया गया था।