नई दिल्लीः भुवनेश्वर कुमार भारत के एक स्विंग गेंदबाज रहे हैं जिनकी गति कभी भी बहुत ज्यादा नहीं रही। भुवनेश्वर कुमार का स्पीड के बजाय हमेशा स्विंग और लाइन लेंथ पर ध्यान अधिक रहा है जिसके चलते वे बुमराह या मोहम्मद शमी की तरह एक्सप्रेस स्पीड निकालने वाले गेंदबाज की लिस्ट में कभी शामिल नहीं हुए। हालांकि अब इस शानदार बॉलर ने स्वीकार किया है कि वह अपने करियर के शुरुआती दिनों में इस बात की महत्व को नहीं समझ पाए की गति भी जरूरी होती है।
भुनेश्वर आज भी बहुत तेज गति के बॉलर नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी स्पीड पर काम किया है और कहा है कि स्पीड बढ़ाने से उनको स्विंग मेंटेन करने में भी आसानी हुई है ताकि बल्लेबाज को यह भांपना मुश्किल बना रहे की गेंद किस तरफ जाएगी। भुवनेश्वर कुमार ने यह बात अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी सनराइजर्स हैदराबाद के साथ बातचीत के दौरान कही। इसका वीडियो सनराइजर्स हैदराबाद ने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया है।
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यहां पर आप भुवनेश्वर कुमार को कहते हुए सुन सकते हैं, "ईमानदारी से कहूं तो कुछ एक सालों में मुझे यह पता ही नहीं चला कि किसी और चीज को करने की मुझे जरूरत है। बाद में पता चला कि मेरी स्विंग को बरकरार रखने के लिए गति की जरूरत होगी क्योंकि जब आप 120 किलोमीटर प्रति घंटा या फिर 130 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास बॉलिंग करते हैं तो बल्लेबाज स्विंग के हिसाब से एडजस्ट कर रहे थे। मैं ऐसे में अपनी गति बढ़ाना चाहता था लेकिन यह नहीं पता था कि किस तरह से ऐसा करूं।"
31 साल के तेज गेंदबाज को अक्सर चोट लगती रही हैं जिनके चलते वे महत्वपूर्ण मैच मिस करते रहे हैं और वे अभी भी भारत के इंग्लैंड दौरे का हिस्सा नहीं है जहां पर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के अलावा इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट भी खेली जानी है। अच्छी बात यह है कि भुवनेश्वर कुमार ने अपनी गति को बढ़ा लिया है और वह कहते हैं, "किस्मत से मैं अपनी गति को बढ़ाने में कामयाब रहा और इसने मुझे बाद के समय में मदद की। जब आपके पास गति होती है भले ही है 140 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा ना हो लेकिन जब आप 135 किलोमीटर प्रति घंटा भी अपनी गति रखते हैं तो बल्लेबाज को स्विंग भांपने में कठिनाई होती है।"