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Birthday Special: हार्दिक पांड्या, वो 'काला बच्चा' जो आज बन गया टीम इंडिया का 'रॉकस्टार'

Happy birthday Hardik pandya: Interesting Journey of star all rounder of Team India| वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के चर्चित खिलाड़ी हार्दिक पांड्या आज (11 अक्टूबर) को अपना 26वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस समय कमर की सर्जरी के बाद रिकवरी की प्रक्रिया से गुजर रहे हार्दिक पांड्या का करियर और जीवन कई बातों के चलते उतार-चढ़ाव वाला है। हार्दिक को इस समय भारत का सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर माना जा रहा है। गुजरात के सूरत में पैदा हुए हार्दिक का जन्म 11 अक्टूबर 1993 को हुआ था। ये साल हार्दिक के लिए बहुत ज्यादा अच्छा नहीं रहा है और वे करण जौहर के टॉक शो से लेकर अपनी चोट के कारण लगातार जूझते रहे हैं।

हार्दिक के बर्थडे पर विशेष-

हार्दिक के बर्थडे पर विशेष-

इसके बावजूद हार्दिक टीम इंडिया के टी20 विश्व कप अभियान का सबसे अहम हिस्सा हैं तो इसके पीछे हार्दिक की जबरदस्त प्रतिभा है। हार्दिक को यह प्रतिभा केवल नैचुरल ही नहीं मिली है बल्कि उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष किया है। उनका बचपन भी किसी स्टार किड की भांति नहीं गुजरा है। बेहद ही सामान्य जिंदगी को जमीनी स्तर पर देखने वाले हार्दिक ने काफी अभाव का जीवन भी गुजारा है। उन्होंने एक इंटरव्यू में खुद बताया था कि जब वह अंडर-19 टीम में थे उस वक्त वह पैसों की कमी के कारण केवल मैगी खाकर काम चलाते थे। परिवार की स्थिति काफी खराब थी और दो वक्त खाने का इंतजाम करना भी मुश्किल था। ये वो समय था जब हार्दिक को ट्रक में बैठकर क्रिकेट के मैदान तक जाना पड़ता था।

गरीब बचपन से रॉकस्टार तक का सफर-

गरीब बचपन से रॉकस्टार तक का सफर-

हार्दिक के पिता का नाम हिमांशु पांड्या है जो सूरत में फाइनेंस का व्यापार करते थे जो कुछ समय बाद बंद हो गया जिसके बाद उनके पिता वडोदरा जाने को मजबूर हो गए। महज पांच साल के पांड्या उस समय परिवार के साथ किराए के मकान में रहते थे। हालांकि बचपन में भी हार्दिक के परिवार में क्रिकेट का क्रेज इसलिए रहा क्योंकि उनके पिता को क्रिकेट का शौंक रहा और उन्होंने हार्दिक व क्रुणाल को भी मैच दिखाने के लिए स्टेडियम की काफी सैर कराई।

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9वीं फेल करने के बाद क्रिकेट पर फोकस-

9वीं फेल करने के बाद क्रिकेट पर फोकस-

आंखों में सपने भरे क्रुनाल पांड्या (7) और हार्दिक पांड्या (5) के पिताजी अपने दोनों बच्चों को जब पूर्व भारतीय विकेट कीपर किरन मोरे की क्रिकेट एकेडमी में ले गए तो मोरे ने उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया। दरअसल मोरे की एकेडमी में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता था। हालांकि हार्दिक के पिता को अपने बच्चों के टैलेंट पर विश्वास था। उन्होंने किसी तरह मोरे को मनाया और कहा कि आप एक बार बच्चों का स्किल टेस्ट लेकर देख लीजिए। इसके बाद जो हुआ वो हर कोई जानता है। दोनों भाइयों ने उस छोटी सी उम्र में क्रिकेट को बारीकियों के साथ खेला था। उसी दिन से किर मोरे की एकेडमी के रूल हमेशा के लिए बदल गए। दोनों को एडमिशन मिल गया।

नही थी क्रिकेट किट और खाने के पैसे-

नही थी क्रिकेट किट और खाने के पैसे-

हार्दिक पांड्या 9वीं कक्षा फेल हैं। क्योंकि उन्होंने क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पढ़ाई छोड़ दी थी। एक जगह इंटरव्यू में मोरे ने पांड्या के पहले दिन के बारे में अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि ये दोनों बच्चे इस उम्र में क्रिकेट को बारिकी से परख रहे हैं। हार्दिक का कहना है कि जब वह 17 साल के थे तब उनके पास खुद की क्रिकेट किट भी नहीं थी। दोनों भाइयों ने करीब सालभर तक बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन से क्रिकेट किट लेकर काम चलाया। फिर अंडर 19 में उन्होंने किस तरह से मैगी खाकर काम चलाया वह भी सब जानते हैं। किरण मोरे ने अपनी अकादमी में पहले तीन वर्षों के लिए हार्दिक पांड्या से कोई फीस नहीं ली।

केन्या की टीम से जुड़ा 'काले बच्चे' का किस्सा-

केन्या की टीम से जुड़ा 'काले बच्चे' का किस्सा-

हार्दिक की जिंदगी में बदलाव तब आया जब 2015 में जॉन राइट ने पांड्या के टैलेंट में क्षमता देखी और उन्हें आईपीएल की मुंबई इंडियंस टीम में शामिल कर लिया। गुजरात के इस ऑलराउंडर को आईपीएल से पहचान मिली जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हार्दिक से जुड़ा एक किस्सा उनके रंग को लेकर भी है जब केन्या की टीम भारत आई थी। लोग केन्या के खिलाड़ियों का ऑटोग्राफ लेना चाहते थे। लेकिन कोई भी खिलाड़ी उन्हें ऑटोग्राफ नहीं दे रहा था। अचानक, उन्होंने हार्दिक को देखा और सभी के बीच, उन्होंने हार्दिक को अकेले ऑटोग्राफ दिए, क्योंकि उन्हें लगा कि हार्दिक उनके देश से है। इस कारण उन्होंने इसे ऑटोग्राफ दिए।' दरअसल सावले रंग के होने की वजह से कई बार पांड्या को लोग काला कहकर भी चिढ़ाते थे। आज हार्दिक के साथी उन्हें "रॉकस्टार" कहकर बुलाते हैं। रविंद्र जडेजा ने टीम में उन्हें ये उपनाम दिया गया था।

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कब वापस लौटेंगे हार्दिक ?

कब वापस लौटेंगे हार्दिक ?

इस समय हार्दिक भारतीय क्रिकेट में बहुत बड़ा नाम है। उनको अभी लंबा सफर तय करना है। पांड्या ने देश के लिए 11 टेस्ट मैच और वनडे में 54 मैच खेले हैं जबकि T20 फॉर्मेट में पांड्या ने 40 मैच खेले हैं। आईपीएल में उनकी टीम मुंबई इंडियंस हैं। इस समय हार्दिक अपनी लोअर बैक सर्जरी के बाद रिकवरी कर रहे हैं और क्रिकेट से पूरी तरह दूर हैं। माना जा रहा है उनको कुछ महीने रिकवरी में लग जाएंगे। आईपीएल 2020 तक हार्दिक की वापसी हो सकती है जिसके बाद वह पूरी तरह से विश्व कप 2020 पर फोकस कर सकेंगे।

Story first published: Friday, October 11, 2019, 12:25 [IST]
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