मैदान पर उतरते ही छाए थे गावस्कर
1971 में भारतीय टीम 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए विंडीज दाैरे पर थी। इस दाैरान गावस्कर को टीम में रखा गया था। पहले टेस्ट में उन्हें माैका नहीं मिला, लेकिन 5 मार्च को हुए दूसरे टेस्ट में उन्हें माैका मिला। गावस्कर जैसे ही मैदान पर उतरे तो आते ही छा गए। उन्होंने पहली पारी में 65 रन जड़ दिए, जबकि दूसरी पारी में नाबाद 67 रन बनाकर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। विंडीज ने पहली पारी में 214 रन बनाए थे, जबकि भारत ने 352 रन बना दिए थे। दूसरी पारी में विंडीज 261 पर ढेर हुआ आैर भारत को 124 रनों का लक्ष्य मिला जिसे टीम ने 3 विकेट खोकर आसानी से जीत लिया।
नहीं टूट पाया उनका ये वर्ल्ड रिकॉर्ड
गावस्कर ने इसी सीरीज के दाैरान रनों की बाैछार कर दी थी। साथ ही चयनकर्ताओं का ध्यान पूरी तरह से अपनी ओर खींच लिया था। उन्होंने अपने पहले ही सीरीज में 774 रन बनाए थे, जिसमें 4 शतक भी शामिल थे। यह आज भी किसी टेस्ट सीरीज का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। यही नहीं, विंडीज के खिलाफ सबसे ज्यादा रन और शतक जड़ने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी इनके नाम ही है। गावस्कर ने विंडीज के खिलाफ 70 से ज्यादा की औसत से 2749 रन जड़े हैं जिसमें 13 शतक दर्ज हैं। यही नहीं, गावस्कर सबसे पहले 100 टेस्ट खेलने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर भी हैं। गावस्कर के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक बनाने का रिकॉर्ड भी है, हालांकि बाद में इसे सचिन तेंदुलकर ने इसकी बराबरी कर ली थी। दोनों के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 81- 81 शतक दर्ज हैं।
ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज
गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं। गावस्कर ने जब संन्यास लिया था तब उनके नाम 10122 रन दर्ज थे जो किसी भी बल्लेबाज द्वारा उस वक्त सबसे बड़ा स्कोर था। हालांकि बाद में इसे ऑस्ट्रेलिया के एलेन बॉर्डर ने उनका रिकाॅर्ड तोड़ा। उनके नाम टेस्ट में 11174 रन दर्ज हैं। इसके अलावा वो भारत के पहले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 100 से ज्यादा कैच लपके हैं।