नई दिल्लीः भारत के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी की तबियत हाल ही के दिनों में काफी खराब हो गई थी। बिशन सिंह बेदी के मस्तिष्क में खून का थक्का जम गया था जिसको निकालने के लिए उनको अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। इस 'ब्रेन क्लॉट' को निकालने के लिए उनकी सर्जरी की गई है और अब वे रिकवरी के पीरियड से गुजर रहे हैं।
बताया गया है कि यह बाएं हाथ का पूर्व स्पिनर अच्छे से रिकवरी कर रहा है। बिशन सिंह बेदी हॉस्पिटल में आईसीयू में भर्ती है और उनको 1 या 2 दिनों के बाद यहां से शिफ्ट करके दूसरे कमरे में ले जाया जा सकता है।
बिशन सिंह बेदी की तबीयत हाल ही के दिनों में काफी उतार-चढ़ाव से गुजर रही है क्योंकि पिछले महीने भी उनको अपने दिल की बाईपास सर्जरी करनी पड़ी थी। यह पिछले महीने की बात है कि उनको दिल में समस्या होने लगी थी। अब बाईपास सर्जरी के बाद उनके मस्तिष्क से थक्का निकालने की प्रक्रिया हुई है।
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बिशन सिंह बेदी के करीबी सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया, "वे यहां हॉस्पिटल में 6 दिन पहले अपना खून का थक्का हटवा चुके हैं। यह बाईपास सर्जरी के ठीक बाद में हुआ है। वे अब अच्छे से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और उनको कल तक प्राइवेट केबिन में शिफ्ट कर दिया जाएगा।"
आपको बता दें कि हाल में ही अन्य पूर्व भारतीय कप्तानों को भी दिल में तकलीफ के चलते अस्पतालों में सर्जरी करानी पड़ी। सबसे पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली कोलकाता के एक अस्पताल में दो बार एनजियोप्लास्टी करा चुके हैं। इसी बीच भारत के 1983 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव को भी दिल में तकलीफ के बाद हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा था।
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बिशन सिंह बेदी भारत के एक महान ऑर्थोडॉक्स स्पिनर रहे हैं। उन्होंने 67 टेस्ट मैच, 10 एकदिवसीय मैचों में 1967 से 1979 के दौरान देश का प्रतिनिधित्व किया है। वे टेस्ट मैचों में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं जिसमें उन्होंने 266 विकेट चटकाए थे।
पिछले साल दिसंबर में बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन यानी कि डीडीसीए का काफी विरोध किया था क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम इसके पूर्व प्रेजिडेंट और पूर्व मंत्री अरुण जेटली के नाम पर रखा जाए।
बिशन सिंह बेदी ने डीडीसीए को कानूनी कार्रवाई करने की भी धमकी भी दी थी और कहा था की उनका नाम भी स्टेडियम की दर्शक दीर्घा से हटा दिया जाए।