5. राहुल द्रविड़-
राहुल द्रविड़ को क्लास क्यों माना जाता है? भारत का यह पूर्व खिलाड़ी और कप्तान भले ही सीमित ओवरों में अपने धीमे स्ट्राइक रेट के लिए जाना जाता हो लेकिन वह दीवार जैसी मजबूत दृढ़ता के लिए अधिक मशहूर है जिसके कारण टेस्ट क्रिकेट में उनको बहुत ज्यादा सफलता मिली। राहुल द्रविड़ ने 10000 रन पूरे करने के लिए केवल 206 पारियां ली और वे इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर आते हैं। द्रविड़ ने अपने पूरे करियर में 13288 टेस्ट रन बनाए जिसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल है। उन्होंने 52.31 की औसत के साथ बल्लेबाजी की। राहुल द्रविड़ ने 1996 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था।
ओलम्पिक का क्रेज फीका पड़ा, जापान के ट्रेनिंग कैम्पों में नहीं आ रहे हैं एथलीट
4. रिकी पोंटिंग-
नंबर चार पर आस्ट्रेलिया के महान कप्तान रिकी पोंटिंग हैं जिनको कंगारू क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 13778 रन बनाए हैं जिनमें उनका औसत 51.85 रहा। रिकी पोंटिंग ने 10000 रन पूरे करने के लिए 196 टेस्ट पारी खेली और वेस्टइंडीज के खिलाफ 2008 में यह रिकॉर्ड पूरा किया था। उन्होंने 41 शतक और 62 अर्धशतक अपने टेस्ट कैरियर में लगाएं।
3. कुमार संगकारा
नंबर 3 पर श्रीलंका के महानतम टेस्ट बल्लेबाज कुमार संगकारा का नाम आता है जिन्होंने 195 पारियों में 10000 रन पूरे किए। उन्होंने यह कारनामा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2005 में पूरा किया था। संगकारा बाएं हाथ के बल्लेबाजों में बहुत ही ऊपर आते हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 12400 रन बनाए जिसमें उनका औसत 57.0 रहा जबकि 38 शतक और 42 अर्धशतक उनके नाम रहे।
2. सचिन तेंदुलकर
दूसरे नंबर पर भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर हैं जिन्होंने 200 टेस्ट मैच खेले हुए हैं। उन्होंने 195 पारियों में यह कारनामा पाकिस्तान के खिलाफ 2005 में पूरा किया था। क्योंकि उन्होंने संगकारा से पहले यह उपलब्धि हासिल की थी इसलिए उनको दूसरे स्थान पर रखा गया है। सचिन के नाम टेस्ट में सबसे ज्यादा रन और शतक बनाने का रिकॉर्ड है।
1. ब्रायन लारा
नंबर एक पर उस खिलाड़ी का नाम आता है जिसको बाएं हाथ के बल्लेबाजों में क्रिकेट इतिहास का सर्वकालिक महानतम बल्लेबाज माना जाता है। नैसर्गिक प्रतिभा और स्टाइल के मामले में ब्रायन चार्ल्स लारा शायद सभी बाएं हाथ के बल्लेबाजों में सर्वश्रेष्ठ हैं। वे तब क्रिकेट खेलने जब वेस्टइंडीज में टेस्ट क्रिकेट का पतन शुरू हो चुका था। आज वेस्टइंडीज की टीम टेस्ट में शक्ति नहीं है और ब्रायन लारा के समय से ही ये गिरावट का दौर शुरू होने लगा था। लारा ने कई मोर्चों पर अकेले दम पर बल्लेबाजी की और इस कमजोर टीम का भार अपने कंधे पर हो जा। उनको माकूल परिस्थितियां नहीं मिली फिर भी वह टिके रहे और उनके नाम एक के बाद एक रिकॉर्ड बनते गए। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2004 में खेलते हुए अपने 10000 रन पूरे किए थे जो कि 195 ही पारियों में आए। इस दिग्गज बल्लेबाज ने टेस्ट क्रिकेट में 232 पारियां खेलते हुए 52.88 की औसत निकाल कर 11953 53 टेस्ट रन बनाए हैं। इसमें 34 शतक और 48 अर्धशतक शामिल है।