नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सोमवार सीएए विरोधियों और समर्थकों के बीच हुई आपसी झड़प ने कई सवाल खड़े कर दिए। सवाल उठता है सिस्टम पर, सवाल है पुलिस प्रशासन पर और साथ ही केंद्र सरकार पर जो इतने दिन बीत जाने के बावजूद मामले को गंभीर नहीं ले रही। परिणाम ये रहा कि पिछले 2 दिनों में भड़की हिंसा को देखते हुए उत्तर पूर्वी जिले में 1 महीने के लिए धारा 144 लगा दी गई है। दिल्ली हिंसा मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद गौतम गंभीर ने कपिल मिश्रा पर कार्रवाई करने की मांग की। इस हिंसा को अंजाम देने का कारण कपिल मिश्रा का भड़काऊ भाषण माना जा रहा है। ऐसे में गंभीर जब उनके खिलाफ उतरे तो कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने भी उनसे सहमति जताई और गंभीर को सबसे अच्छा नेता बताया।
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शुक्ला ने ट्वीट करते हुए कहा, ''गौतम गम्भीर का बयान स्वागत योग्य है उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की है यह एक खिलाड़ी की सच्ची भावना है हमें गौतम जैसे नेताओं की जरूरत है।'' बता दें कि उत्तर पूर्वी जिले में हिंसा की शुरुआत 22 जनवरी से हुई थी। जाफराबाद से शुरू हिंसा की जो आग भड़की, धीरे-धीरे अब वो दूसरे इलाकों में भी फैलती जा रही है। सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जमकर उपद्रव हुआ। हिंसा मरने वालों की संख्या 7 तक जा पहुंची है।
गाैरतलब है कि हिंसा दाैरान सीएए विरोधी प्रदर्शनों ने जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की। ऐसे में पूर्व क्रिकेटर और भाजपा के मौजूदा सांसद गौतम गंभीर ने लोगों से शांति की अपील के साथ-साथउपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है। गंभीर ने मीडिया से कहा कि अब यह मामला अधिक बढ़ गया है और इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए और जो भी इसमें किसी भी तरह से शामिल है, उसपर एक्शन लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ''चाहे कपिल मिश्रा हो या कोई और, जो भी दिल्ली में भड़काऊ भाषण देकर लोगों को उकसाने की कोशिश कर रहा है, उनपर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।