चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 9 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बना बना ली है। ये मैच भरातीय टीम के अलावा युवराज सिंह के लिए भी खास था क्योंकि ये उनके वनडे करियर का 300वां मैच था। लेकिन युवराज सिंह के साथ उनके 300वें मैच में भी वही हुआ जो उनके पहले मैच में हुआ था। दरअसल बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया।
बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर 264 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम ने एक मात्र शिखर धवन का विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। रोहित शर्मा ने नाबाद 123 रन बनाए और कप्तान कोहली ने नाबाद 96 रन बनाए। कुल मिलाकर अपना 300वां वनडे खेल रहे युवराज सिंह को बैटिंग करने को नहीं मिला।
चैंपियंस ट्रॉफी से की थी करियर की शुरूआत
गौरतलब है कि युवराज सिंह ने 2000 में चैपियंस ट्रॉफी से ही अपने वनडे करियर में डेब्यू किया था। लेकिन अपने पहले मैच में भी उन्हें बल्लेबाजी करने को नहीं मिली थी। चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में युवराज सिंह ने केन्या के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेला था। ये मैच 3 अक्टूबर 2000 को जिमखाना क्लब ग्राउंड, नैरोबी में खेला गया था। इस मैच में केन्या ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 208 रन बनाए थे।
ओपनर रहे युवी के लिए बैटिंग न मिलने का कारण
जीत के लिए 209 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। और युवराज सिंह की बैटिंग आने से पहले ही भारत ने ये मैच 8 विकेट से जीत लिया था। दरअसल इस मैच में सौरव गांगुली ने 66, सचिन तेंदुलकर ने 25 रन बनाए थे। इसके अलावा राहुल द्रविड़ 68 और विनोद कांबली 39 रन बनाकर नाबाद रहे थे। कुल मिलाकर युवी के पहले और 300वें मैच में भारतीय ओपनिंग जोड़ी ने ही मैच जिताने की नींव रख दी थी जिस वजह से युवी को बैटिंग नही मिली।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच में युवी पर होंगी सबकी निगाहें
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के अपने पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ युवराज सिंह को मैन ऑफ द मैच चुना गया था। गौरतलब है कि भारतीय टीम का फाइनल में पाकिस्तान के साथ मुकाबला है। ऐसे में एक बार फिर सभी की निगाहें युवराज सिंह पर होंगी। हो सकता है अपने 300वें मैच में बल्लेबाजाजी न कर पाने का मलाल अपने 301वें मैच में निकाल लें युवी?