अंक तालिका में हासिल किया दूसरा स्थान
जब सभी टीमों ने लीग के अपने सभी 14-14 मैच खेल लिए तो अंक तालिका में चेन्नई ने 18 अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। अब दूसरा स्थान हासिल करने के कारण ही उन्हें हार के बावजूद क्वालिफायर-2 में खेलने का माैका मिला। अब उनका दिल्ली कैपिटल्स के साथ क्वालिफायर-2 में मैच होगा। जो टीम जीतेगी वो फाइनल में मुंबई से भिड़ेगी। लेकिन इस महामुकाबले से पहले अगर इतिहास देखा जाए तो लगता है कि चेन्नई का फाइनल में पहुंचना तय है।
चेन्नई का फाइनल में पहुंचने का कारण यह है
दरअसल, देखा जाए तो जब से प्लेआफ के मुकाबले शुरू हुए हैं तो क्वालिफायर-1 में हारने वाली टीम ज्यादातर क्वालिफायर-2 में हमेशा जीतती आई है और फाइनल में पहुंची है। ऐसा काम 2011 में हुए आईपीएल सीजन से अभी तक चलता आ रहा है। सिर्फ हैदराबाद ही सीजन 2016 में एलिमिनेटर मुकाबले में जीत दर्ज करने के बाद क्वालिफायर-2 में जीत सकी है। इसके अलावा यह कारण भी है कि अंक तालिका में दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम हमेशा फाइनल में पहुंची है। अगर यही चीज यहां भी देखने को मिली तो दिल्ली की किस्मत खराब रहेगी। दिल्ली अंक तालिका में तीसरे स्थान पर रही। उसने एलिमिनेटर मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद को हराकर क्वालिफायर-2 में जगह बनाई, लेकिन अब उसे चेन्नई से भिड़ना है। चेन्नई टीम मुंबई से हारने के बाद दिल्ली को हराकर फाइनल में पहुंचना चाहेगी।
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दिल्ली को पहले भी दे चुके हैं क्वालिफायर-2 में मात
दोनों टीमें आईपीएल इतिहास में दूसकी बार क्वालिफायर-2 में आमने-सामने होंगी। इससे पहले 2012 के सीजन में इनका मुकाबला फाइनल का टिकट कटवान के लिए हुआ था, लेकिन उस समय चेन्नई ने दिल्ली को 86 रनों से हरा दिया था और फाइनल का टिकट कटवाया था। हालांकि यह मुकाबला चेन्नई ने अपने होम ग्राउंड चिदंबरम में ही खेला था। इस मैच में मुरली विजय ने 58 गेंदों में 113 रन बना दिए थे जिसकी बदाैल चेन्नई ने दिल्ली के सामने 223 रनों का लक्ष्य रखा था। जवाब में दिल्ली की पूरी टीम 136 रनों पर ही ढेर हो गई थी। उस समय दिल्ली के कप्तान वीरेंद्र सहवाग थे। अब एक बार फिर इनका आमना-सामना होगा। अब देखना यह बाकी है कि क्या दिल्ली बदला लेगी या फिर चेन्नई भारी पड़ेगी।