मेरी बैटिंग स्टाइल का समर्थन करता है टीम मैनेजमेंट
हाल ही में रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में सौराष्ट्र की ओर से खेलते हुए चेतेश्वर पुजारा ने 237 गेंद पर 66 रनों की पारी खेली थी। इस मैच को सौराष्ट्र ने जीत कर चैम्पियन बनने का खिताब हासिल किया था। धीमी बल्लेबाजी पर बात करते हुए पुजारा ने कहा कि वह इस बात से बिल्कुल भी तनाव नहीं लेते क्योंकि उन्हें अपनी बैटिंग स्टाइल के बारे में पता है और साथ ही टीम मैनेजमेंट भी इस बात को समझता है।
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि इस बारे में ज्यादा कुछ बात करने के लिए है। मीडिया में इस बात को अलग तरह से पेश किया जाता है, लेकिन टीम मैनेजमेंट में पूरा समर्थन देता है। मेरे ऊपर कप्तान (विराट कोहली), कोच (रवि शास्त्री) की ओर से भी कोई दबाव नहीं है।'
बैटिंग स्टाइल बदलने के लिये नहीं है टीम मैनेजमेंट का दबाव
हाल ही न्यूजीलैंड दौरे से वापस लौटी भारतीय टीम को टेस्ट सीरीज के दोनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। इस सीरीज के पहले टेस्ट मैच में पुजारा ने काफी गेंद खेली थी, लेकिन बड़ी पारी खेले बिना ही आउट होकर पवेलियन लौटे थे, जिसके बाद कप्तान विराट ने उनका नाम लिए बिना कहा था कि बाहर टेस्ट मैचों में डिफेंसिव नहीं अटैकिंग बल्लेबाजी करनी चाहिए।
उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा, 'मैं इस बात को साफ करना चाहता हूं कि जब भी स्ट्राइक रेट की बात होती है, लोग टीम मैनेजमेंट की ओर इशारा करने लगते हैं, लेकिन आपको बता दूं कि मेरे ऊपर टीम मैनेजमेंट की ओर से कोई दबाव नहीं है। टीम मैनेजमेंट को मेरी बैटिंग स्टाइल पता है और वो ही मेरे लिए अहम है।'
नहीं कर सकता सहवाग या वॉर्नर जैसी बल्लेबाजी
सोशल मीडिया पर चेतेश्वर पुजारा से लोगों ने रणजी ट्रॉफी फाइनल के दौरान पूछा था कि क्यों मैं 10 रन बनाने के लिए इतना समय लेता हूं। इसक जवाब में पुजारा ने कहा कि लोगों की आदत होती है कि वो किसी एक आदमी के पीछे पड़ जाते हैं, लेकिन यह सिर्फ मेरी बात नहीं है, लेकिन अगर आप बाकी टेस्ट सीरीज देखें, जिसमें मैंने रन बनाए हों, जितना समय मैंने लिया है, उतना ही समय विरोधी टीम के बल्लेबाजों ने भी लिया है।
पुजारा ने कहा, 'मुझे पता है कि मैं डेविड वॉर्नर या वीरेंद्र सहवाग नहीं बन सकता हूं, लेकिन अगर एक सामान्य बल्लेबाज क्रीज पर टिकने में समय ले रहा हो तो इसमें कोई बुराई नहीं है।'