नई दिल्ली। विश्व भर में क्रिकेट की काफी लोकप्रियता है। लेकिन कुछ मुल्क ऐसे भी हैं जहां क्रिकेट फिलहाल पनप रहा है। यहां क्रिकेट में उतनी दौलत शोहरत हासिल नहीं होती। क्रिकेट में अमूमन कोई भी खिलाड़ी तब तक क्रिकेट को अलविदा नहीं कहता जबतक बल्ला या गेंद और शरीर दोनों साथ देना छोड़ ना दे। ऐसा अक्सर देखा गया है क्रिकेट में खिलाड़ी जल्दी संन्यास नहीं लेते। लेकिन यहां मामला कुछ अलग है दिल में आसमान छूने के ख्वाब लेकर 21 साल के एक होनहार क्रिकेटर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
हॉन्ग कॉन्ग के 21 वर्षीय विकेटकीपर क्रिस्टोफर कार्टर, ने संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। एशिया कप के दो मैचों में कार्टर सिर्फ 5 रन बना पाए थे। पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप स्टेज के पहले मैच में वह 2 रन बनाकर आउट हो गए थे। वहीं, भारत के खिलाफ भी वो 3 ही रन बना पाए थे। हालांकि टीम इंडिया को हॉन्ग कॉन्ग की टीम ने ने भारत को कड़ी टक्कर दी थी।
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पायलट बनना चाहते हैं क्रिस्टोफर कार्टर:
हॉन्गकॉन्ग के विकेटकीपर क्रिस्टोफर कार्टर के क्रिकेट छोड़ने की एक वजह पढ़ाई भी है। कार्टर का कहना है कि ''मैंने क्रिकेट के लिए पहले ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। मुझे लगता है कि ये वही करने का समय है जो मैं हमेशा करना चाहता था। मुझे पायलट बनना है। पैसों की कमी की वजह से मेरे लिए हॉन्ग कॉन्ग के लिए फुल टाइम क्रिकेट खेलना काफी मुश्किल है। सरकार और आईसीसी से हमें अच्छा समर्थन नहीं मिल रहा है।"