नई दिल्ली। बीसीसीआई खिलाड़ियों के अनुशासन को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कड़े फैसले बनाती जा रही है। ऐसे में अब भारत में फर्जी दस्तावेजों के सहारे अपनी उम्र छुपा कर खेलने वाले खिलाड़ियों पर शिकंजा कसने के लिए बीसीसीआई ने फैसला किया है कि अगर कोई खिलाड़ी अपनी उम्र छुपा कर खेलते हुए पकड़ा जाता है तो इस पर दो साल की पाबंदी लगा दी जाएगी। यही नहीं ऐसे खिलाड़ियों पर बीसीसीआई की ओर से आपराधिक मामला भी दर्ज कराया जा सकता है।
गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति ने 18 मई में हुई मीटिंग में यह फैसला लिया है। बीसीसीआई की वेबसाइट पर जारी हुई इस मीटिंग की मिनट्स ऑफ मीटिंग के मुताबिक , 'फर्जी सर्टिफेट जमा कराके के जूनियर कैटेगरी में खेलने वाले खिलाड़ियों पर दो सीजन की पाबंदी लगाई जाएगी। बीसीसीआई ऐसे मामलों में फर्जी दस्तावेज जमा कराने वाले खिलाड़ियों पर आपराधिक मामला भी दर्ज करा सकती है।
बीसीसीआई की यह फैसला राहुल द्रविड़ की उस गुजारिश के तीन साल बाद हुआ है जिसमें उन्होंने एज फ्रॉड पर नकेल कसने की बात कही थी। 2015 में एमएके पटोदी लेक्चर के दौरान द्रविड़ ने कहा था, ' सभी जानते हैं कि इस एक-दो साल खेल में कितना फर्क पैदा कर देते हैं। किसी भी ओवर एज प्लेय़र की वजह से हम एक ईमानदार खिलाड़ी को हमेशा के लिए खो सकते हैं।