नई दिल्ली। पुलवामा पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के यथासंभव बहिष्कार की मांग पूरे भारत में तेज होती जा रही है। क्रिकेट संबंधों को लेकर खासकर भारत का रवैया खासा मुखर रहा है। पहले से ही पाक के साथ द्विपक्षीय सीरीज ना खेलने वाला भारत अब आईसीसी के विश्व कप जैसे तटस्थ टूर्नामेंटों में भी पाक का बॉयकॉट करना चाहता है। भारतीय क्रिकेट के कई दिग्गजों समेत बीसीसीआई से संबद्ध कुछ संस्थाओं ने भी कहा है कि ऐसे हालात में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं हो सकता और भारत को आगामी विश्व कप में पाकिस्तान के साथ नहीं खेलना चाहिए।
बता दें कि भारत को 30 मई से शुरू होने जा रहे विश्व कप में पाकिस्तान के साथ मैच खेलना है। यह मैच लीग चरण में ही खेला जाएगा। इंग्लैंड में होने वाले इस प्रतिष्ठित कप में भारत को यह मैच 16 जून को खेलना है। इसी मैच को लेकर पाकिस्तान के साथ नहीं खेलने को लेकर लॉबिंग तेज हो चुकी है। हरभजन सिंह और जहीर खान जैसे खिलाड़ियों ने राय दी है कि भारत को यह मैच नहीं खेलना चाहिए। हालांकि मामला विश्व कप का है और यदि भारत यह मैच नहीं भी खेलता तो भी अगर सेमीफाइनल या फाइनल में पाकिस्तान से मुकाबला होता है उस स्थिति में क्या कदम उठाया जाए।
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ऐसे में या तो भारत को ही पूरा विश्व कप छोड़ना होगा या फिर पाकिस्तान को विश्व कप से बाहर करने की मुहिम आईसीसी से तेज करनी होगी। इसी मामले पर एक बड़ी खबर यह आई है प्रशासको की समिति यानी सीओए 22 फरवरी को अपनी बैठक करने जा रही है कि भविष्य में क्या कदम उठाया जाए। इस दौरान खेल मंत्रालय, एमईए और गृह मंत्रालय की सलाह भी मांगी जा सकती है। साथ ही यह भी बताया गया है कि बीसीसीआई/सीओए एक जिम्मेदारी भरा फैसला लेंगे कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों को लेकर अब क्या करना है। हालांकी अभी तक इस बारे में आईसीसी को पत्र लिखकर सूचित नहीं किया गया है।