नई दिल्ली। हितों के टकराव के मामले में राहुल द्रविड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट की प्रशासकों की समिति ने अपना अंतिम फैसला सुना दिया है। सीओए ने कहा कि द्रविड़ के खिलाफ हितों का कोई टकराव का कोई मामला नहीं है। उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई है। नेशनल क्रिकेट एकेडमी का प्रमुख बनने पर द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल डीके जैन ने हितों के टकराव को लेकर नोटिस भेजा था। सीओए के नए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोगड़े ने कहा इस मामले में अब बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन की कोर्ट आगे का फैसला लेगी।
थोगड़े ने मंगलवार को बैठक के बाद कहा, 'राहुल के मामले में हितों के टकराव का कोई मामला नहीं है। उन्हें एक नोटिस मिला है और हमने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। हमने कोई हितों का टकराव नहीं देखा, लेकिन अगर लोकपाल को कोई जानकारी मिलती है तो हम अपना पक्ष रखेंगे। उसके बाद लोकपाल को विचार करना होगा। यह एक प्रक्रिया है, जो जारी रहेगी।'
द्रविड़ नेशनल क्रिकेट एकेडमी के प्रमुख होने के साथ इंडिया सीमेंट ग्रुप में उपाध्यक्ष भी हैं। आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स इंडिया सीमेंट की है। डीके जैन ने द्रविड़ को नोटिस मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर भेजा था। संजीव गुप्ता ने पहले भी सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के खिलाफ भी हितों के टकराव की शिकायत की थी।
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द्रविड़ मंगलवार को सीओए की बैठक से पहले मुंबई में थे। उन्होंने डीके जैन को अपना जवाब भेजा है, लेकिन यह पता नहीं चला है कि उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है या नहीं। सीओए ने उनकी नियुक्ति के समय स्पष्ट किया था कि द्रविड़ को इंडिया सीमेंट्स के उपाध्यक्ष का पद छोड़ना होगा या कार्यकाल पूरा होने तक छुट्टी पर रहना होगा। द्रविड़ ने इंडिया सीमेंट्स से अवैतनिक अवकाश मांगा था जिसके बाद एमपीसीए के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने द्रविड़ के खिलाफ शिकायत की थी।