नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में कोच की भूमिका को लेकर बयानबाजी जारी है। रवि शास्त्री के बयान के बाद से कई बार कोच पद को लेकर दिग्गज खिलाड़ियों ने इसपर बयान दिया है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी सौरव गांगुली ने एक बार फिर से कोच और कप्तान के पद की भूमिका में फर्क समझाया है।भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने सोमवार को कहा कि फुटबॉल के उलट क्रिकेट 'कैप्टन' का खेल है और कोच को 'पर्दे के पीछे से काम' करना चाहिए। सिम्बायोसिस इंटरनैशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) में अपनी पुस्तक - 'ए सेंचुरी इज नॉट इनफ' के लॉन्च के दौरान सौरव गांगुली ने यह बातें कही। वरिष्ठ खेल लेखक गौतम भट्टाचार्य इस किताब के सह लेखक हैं। लॉन्च के दौरान एक पैनल में बातचीत के दौरान गागुंली ने कई सारे मुद्दों पर बातचीत की।
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सौरव गांगुली ने कोच के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, 'कोच को मैनेजमेंट में काबिल होना चाहिए लेकिन बहुत कम कोच में ऐसी काबिलियत होती है।' उन्होंने कहा, 'यह फुटबॉल की तरह नहीं है। बहुत से क्रिकेट कोच को लगता है कि फुटबॉल कोच की तरह टीम वे चला रहे हैं लेकिन क्रिकेट कैप्टन का खेल है।'
46 वर्षीय गांगुली ने साथ ही कहा कि वह खुशकिस्मत रहे कि उन्होंने चैंपियंस से भरी टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान और हरभजन सिंह जैसे चैंपियंस मेरी टीम में रहे।
बता दें कि हरभजन सिंह और युवराज ने भी कई मौकों पर सौरव की तारीफ करते हुए कहा है कि उन्होंने हमेशा उन्हें सपोर्ट किया।