कभी धोनी भी थे इनके मुरीद
अपराजित एक आलराउंडर हैं। साल 2012 में अंडर 19 वर्ल्ड कप पर कब्जा भारत ने किया था। भारत तब सेमीफाइनल में मुकाबला न्यूजीलैंड से हुआ था। जीतना आसान नहीं था लेकिन अपराजित ने आलराउंडर खेल दिखाते हुए टीम को फाइनल का टिकट दिलाने में सबसे अहम योगदान दिया था। अपराजित ने 10 ओवर में मात्र 29 रन खर्च किए थे। साथ में एक विकेट भी निकाला था। ना सिर्फ गेंदबाजी में उनका कमाल दिखा था बल्कि बल्ले से भी उन्होंने 44 रन बरसाए थे। वहीं फाइनल में खिताबी जीत में भी उन्होंने गेंद-बल्ले से टीम के लिए अहम योगदान दिया था। उन्होंने भारत के चैंपियन बनने में अहम भूमिका निभाते हुए 171 रन बनाए थे और 5 विकेट लिए थे। क्वार्टरफाइनल में पाकिस्तान और सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ वह मैन ऑफ द मैच रहे थे।अपराजित का जज्बा देख धोनी भी उनके मुरीद हो गए थे। ऐसे में धोनी ने सीजन 2013 के लिए उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया। लेकिन अपराजित को कभी प्लेइंग इलेवन में खेलने का माैका नहीं। ये खिलाड़ी 5 साल तक आईपीएल में जुड़ा रहा, पर बैठना पड़ा तो सिर्फ बैंच पर जिस कारण उन्हें प्रतिभा दिखाने का माैका तक नहीं मिला। यह बहुत हैरानी भरी बात रही क्योंकि अपराजित ना सिर्फ गेंदबाजी में कमाल करते हैं बल्कि वो नंबर तीन के बेहतरीन बल्लेबाज हैं।
2018 में नहीं लगी बोली
चेन्नई में ही जन्मे 2018 की नीलामी में अपराजित को किसी ने खरीदा नहीं था। वे 5 साल तक एमएस धोनी की कप्तानी वाली आईपीएल टीमों (चेन्नई व राइजिंग पुणे सुपरजाएंट) के साथ रहे लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला। लेकिन अब विजय हजारे ट्राॅफी में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। वे रन बनाने में सबसे आगे हैं। उन्होंने अभी तक खेले 7 मैचों में 109.75 की औसत से 439 रन बनाए हैं। वे 4 अर्धशतक और 1 शतक बना चुके हैं। अब देखना यह बाकी है किया इस बेहतरीन आलराउंडर पर आईपीएल 2020 के लिए कोई टीम दांव खेलती है या नहीं।
ऐसे दिलाई तमिलनाडु को जीत
तमिलनाडु के सात जीत के साथ 28 अंक है और नाकआउट चरण में उसका प्रवेश तय है। रेलवे के 50 ओवरों में नौ विकेट पर 200 रन के जवाब में तमिलनाडु ने लक्ष्य 44.1 ओवर में हासिल कर लिया। अपराजित ने हरफनमौला विजय शंकर के साथ तीसरे विकेट के लिए 186 रन जोड़े। शंकर ने नाबाद 72 रन बनाए। रेलवे ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 200 रन बनाए। इन दोनों बल्लेबाजों के अलावा बाकी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाए। इन्होंने दूसरे विकेट के लिए 50 रन जोड़े। मुरुगन अश्विन ने इस जोड़ी को तोड़ा। इसके बाद बाबा अपराजित की फिरकी ने जादू बिखेरा और रेलवे के बल्लेबाज उनके सामने घनचक्कर हो गए। एक समय रेलवे का स्कोर 34.5 ओवर में 138 रन पर 2 विकेट था। लेकिन अगले 11.4 ओवर में 8 विकेट 62 रन पर गिर गए। टीम पूरे ओवर भी नहीं खेल पाई।
अपराजित का घरेलू प्रदर्शन
ये गुमनाम खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेले 70 मैचों में 3660 रन बना चुका है जिसमें 9 शतक के साथ 19 अर्धशतक भी हैं। वहीं गेंदबाजी में 42 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने 17 साल की उम्र में डेब्यू किया था। लिस्ट ए क्रिकेट में भी इनका प्रदर्शन काबिलेतारीफ है। इसमें खेले 69 मैचों में अपराजित ने 44.15 की एवरेज से 2561 रन बनाए हैं, जिसमें 5 शतक के साथ 18 अर्धशतक भी हैं। साथ ही 39 विकेट भी इनके नाम है। वहीं टी20 क्रिकेट में 33 मैच खेल चुके हैं जिसमें 646 रन हैं।