केपटाउन। भारत के खिलाफ तीसरे व आखिरी निर्णायक मैच से पहले दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड (सीएसए) के सीईओ पर बड़ा आरोप लगा है। जहां एक तरफ अफ्रीका टी20 सीरीज जीतने की कोशिश में है तो वहीं दूसरी तरफ नस्लभेद ने एक बार फिर से देश की शासी निकाय (क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका) को अपनी जद में ले लिया है।
जी हां, दरअसल भारत के खिलाफ दूसरे टी20 के पहले सेंचुरियन में सीएसए के सीईओ थाबंग मोरोर की प्रेस मीटिंग में केवल ब्लैक पत्रकारों को आमंत्रित करने की खबरे हैं। हालांकि, मोरोर ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि ये गउटेंग क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों के साथ भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दौरान वांडरर्स पिच विवाद के संबंध में बैठक से पहले की बातचीत थी।
उन्होंने कहा कि "बैठक मीडिया केंद्र में आयोजित होने वाली थी। जब मैं आया तब मुझसे कई पत्रकार बातें करने लगे। वे मुझसे क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की वर्तमान गतिविधियों से संबंधित कई प्रश्न पूछना चाहते थे। लेकिन उन्हें लगा कि वे जिन मीडिया हाउसेस का प्रतिनिधित्व करते हैं उन्हें सीएसए मीडिया गतिविधियों से बाहर रखा गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि "हालांकि यह एक अनौपचारिक ईवेंट था, लेकिन इसके बावजूद मैंने सीएसए की पारदर्शिता के नियमों के तहत सभी हितधारकों और मीडियाकर्मियों के प्रश्नों के जवाब दिए। हालांकि ये किसी भी स्तर पर सीएसए की मीडिया ब्रीफिंग नहीं थी।" मोरोर ने इस बात से भी इनकार किया कि वह प्रोटीज टीम के डॉक्टर और प्रबंधक मोहम्मद मूसाजी को दरवाजे से बाहर करने की कोशिश कर रहे थे। सीएसए बोर्ड का मोरोर के आचरण से नाखुश होने के दावे के बारे में मोरोर ने कहा, "बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में हमारी रीसेंट मीटिंग में मेरे साथ ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठाया था।"
बता दें कि कुछ समय पहले अपने जमाने के दिग्गज क्रिकेटर ग्रीम पोलाक ने कहा था कि दक्षिण अफ्रीका को स्वीकार करना होगा कि नस्ल के आधार पर टीमों का चयन होने के कारण उसकी टेस्ट टीम मझधार में खड़ी है।
गौरतलब है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज का आखिरी व निर्णायक मैच कल यानी शनिवार को केपटाउन केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम में भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 30 मिनट से खेला जाएगा। दोनों टीमों एक-एक मैच जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी पर हैं। जो भी टीम ये मैच जीतेगी सीरीज उसके नाम हो जाएगी।