धोनी के दस्तानों पर 'बलिदान बैज'
धोनी ने इस मैच में अपने प्रशंसको को निराश नहीं किया और बैटिंग में नंबर पांच पर उतरते हुए 34 रनों की अच्छी पारी खेली। लेकिन इस मैच में धोनी की बैटिंग से ज्यादा ध्यान उनके दस्तानों ने खींचा है और इसकी वजह बना है एक निशान, जो धोनी के विकेटकीपिंग ग्लव्स पर बना है। इस निशान की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई। जिसके बाद ये निशान चर्चा का विषय बन गया क्योंकि क्रिकेट इतिहास में किसी विकेटकीपर के ग्लव्स में ऐसा निशान बना हुआ नहीं दिखाई दिया है। दरअसल, धोनी ने विश्व कप के पहले मैच में भारतीय सेना को अद्भुत सम्मान दिया। उनके ग्लव्स पर अनोखा निशान देखने को मिला, जिसे हर कोई इस्तेमाल में नहीं ला सकता। ग्लव्स पर पैरा कमाडों को दिए जाने वाले बैज का निशान था। यह बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं। इस बैज को 'बलिदान बैज' के नाम से भी जाना जाता है।
आईसीसी ने बैज हटाने के लिए कहा-
प्रशंसकों ने जब इसे पहचाना तो देश और सुरक्षाबलों के प्रति धोनी के प्रेम और प्रतिबद्धता की तारीफ होने लगी लेकिन अब आईसीसी की ओर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आईसीसी ने बीसीसीआई ने अनुरोध किया है कि वह धोनी के दस्तानों पर बना यह निशान हटा ले। इस बारे में बात करते हुए आईसीसी की एक अधिकारी ने कहा, 'हमने बीसीसीआई ने इसको हटाने के लिए अनुरोध किया है।' इसका कारण यह है कि आईसीसी अपने नियमों से बंधा हुआ है। इन नियमों के अनुसार कोई भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मैचों में अपने कपड़ो या साजो-सामान पर ऐसा सिंबल या निशान धारण नहीं करेगा जो किसी राजनीतिक, धार्मिक, नस्लीय या अन्य पहचान के साथ ताल्लुक रखता हो।
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ये होता है बलिदान बैज-
इस बैज में 'बलिदान' शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है। यह बैज चांदी की धातु से बना होता है, जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है। यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है। भारतीय सेना की एक स्पेशल फोर्सेज की टीम होती है जो आतंकियों से लड़ने और आतंकियों के इलाके में घुसकर उन्हें मारने में दक्ष होती है। मुश्किल ट्रेनिंग और पैराशूट से कूदकर दुश्मन के इलाके में घुसकर दुश्मन को मारने में महारत हासिल करने वाले इन सैनिकों को पैरा कमांडो कहा जाता है।
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