दमदार इंग्लैंड का तूफानी क्रिकेट-
इसके अलावा वनडे क्रिकेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाज जोस बटलर ने यहां भी अपना जलवा कायम रखते हुए 44 गेंदों पर 64 रनों की आतिशी दिखाई। जबकि निचले क्रम पर लियाम प्लेंकेट ने बची-कुची कसर पूरे करते हुए 9 गेंदों पर 27 रनों की पारी खेल दी। कुल मिलाकर ये अंग्रेजों के लिए विश्व कप में उनकी बादशाहत की ओर संकेत करने वाला मैच रहा। इस मैच में 300 रनों का आंकड़ा पार करते ही इंग्लैंड ने ODI क्रिकेट में कंगारूओं के दबदबे को भी पीछे छोड़ दिया है। इंग्लैंड ने यह लगातार 7वें ODI मैच में 300 या उससे ज्यादा रन बनाए है। ऐसा अब तक कोई भी टीम ODI क्रिकेट के इतिहास में नहीं कर पाई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम था जिन्होंने लगातार 6 मैचों में 300 या उससे ज्यादा रनों को पार किया था। ये रिकॉर्ड 2007 में बना था। अब 12 साल बाद इंग्लैंड ने इसको तोड़ दिया है।
इस विश्व कप में है 'अलग' इंग्लिश टीम
अब तक इंग्लैंड की टीम विश्व कप के इतिहास में कोई खास कारनामा नहीं कर सकी है। लेकिन इस बार यह बदली हुई नई टीम है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह इस विश्व कप में इंग्लैंड का तीसरा ही मैच है और उसकी ओर से तीन ही शतक लगाए जा चुके हैं। पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में जो रूट और जोस बटलर ने शतकीय पारी खेली थी और इस मैच में रॉय ने खेली है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि इससे पहले इंग्लैंड किसी भी ODI विश्व कप में 2 से ज्यादा शतक नहीं लगा सका है।
जोस बटलर और इंग्लैंड का उदय-
इंग्लैंड के कायापल्ट का श्रेय काफी हद तक टीम के बल्लेबाजों को जाता है। खासकर कप्तान इयान मोर्गन ने अपने अंदाज में खेलने वाले ऐसे विस्फोटक बल्लेबाजों की फौज खड़ी कर दी है जो किसी भी समय मैच का पासा पलटने में माहिर है। जोस बटरल इस फौज के सबसे काबिल सिपाही हैं। साल 2015 के बाद से डेथ ओवरों (41-50) के बीच इस विकेटकीपर बल्लेबाज का स्ट्राइक रेट 180.85 हो जाता है। इसके अलावा जेसन रॉय भी ओपनिंग में शानदार पारियां खेल रहे हैं। वे इस मैच में केवल एक रन से बांग्लादेश के खिलाफ किसी भी इंग्लिश बल्लेबाज का सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाने से केवल एक रन पीछे रह गए। उन्होंने 153 रन बनाए जबकि एंड्रयु स्ट्रॉस इससे पहले 2010 में बांग्लादेश के खिलाफ 154 रन बना चुके हैं।