अलग-अलग 'लोगो' वाले धोनी के बल्ले
धोनी ना केवल कई बल्लों का इस्तेमाल कर रहे हैं बल्कि उन पर 'लोगो' भी कई तरह के उपयोग किए गए हैं। जो लोग धोनी को करीब से फॉलो करते हैं वे जानते हैं कि धोनी 'रिबॉक बैट' से खेलते हैं। लेकिन इस विश्व कप में अब तक तीन अलग स्टीकर्स के साथ खेलते हुए दिखाई दे चुके हैं। ऐसे में धोनी फैंस के अलावा आमजनों को भी यह उत्सुकता बनी हुई है कि धोनी इतने बल्लों का प्रयोग किस मकसद से कर रहे हैं। भारत ने विश्व कप 2019 में अपने पिछले दो मैच इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ खेले थे। इन दोनों ही मुकाबलों में धोनी बल्लों पर अलग-अलग 'लोगो' के साथ खेलते हुए नजर आए। इन मैचों में शुरुआती स्तर पर धोनी 'SG' लोगो के साथ दिखाई दिए और फिर पारी का अंत आते-आते 'BAS' लोगो वाले बल्ले से खेलते हुए नजर आए।
इसके पीछे छुपा है यह सद्भावना संदेश-
ऐसे में जब यह मामला सुर्खियों में छाने लगा तो धोनी के करीबी दोस्तों और परिचितों ने इस मामले से पर्दा हटाया है। धोनी के मैनेजर अर्जुन रेड्डी के हवाले से यह खबर आई है कि धोनी अपने बल्ले पर अलग-अलग कंपनी के 'लोगो' सद्भावना संकेत के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और खास बात यह है कि वह इसके लिए कंपनी से एक पैसा भी नहीं लेते। ऐसा करके वे उनको धन्यवाद अदा करते हैं जिन्होंने धोनी के करियर में कभी ना कभी उनकी मदद की थी। रेड्डी कहते हैं, 'धोनी का दिल बड़ा है। उनको पैसा नहीं चाहिए, वो उनके पास काफी है। वे केवल सद्भावना के तौर पर इन 'लोगो' का प्रयोग कर रहे हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि धोनी के करियर की शुरुआत से ही 'BAS' कंपनी उनके साथ रही है जबकि बाद में 'SG' ने भी उनकी काफी मदद की।
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4-5 करोड़ रुपए हर साल कमा लेते हैं ऐसा करके बाकी खिलाड़ी
आपको बता दें कि आमतौर पर धोनी एक खास 'लोगो' को इस्तेमाल करने के लिए कंपनियों से 10-15 लाख रुपए प्रति मैच की दर से फीस लेते रहे हैं। जबकि दुनिया के अन्य आला क्रिकेटर भी अपने बल्ले पर लोगो लगाने के लिए कंपनी से सालाना 4 से 5 करोड़ रुपए कमाते हैं। वैसे यह पहली बार नहीं है जब धोनी के खेल के साजो-सामान विश्व कप में खबरें बन रहे हों। इससे पहले भी धोनी विश्व कप के पहले ही मैच में अपने कीपिंग गलव्स पर 'बलिदान बैज' जैसा प्रतीक चिह्न लगाकर खेले थे। इस बात पर आईसीसी ने अपना विरोध जताया था और बाद में धोनी को बाकी के मैचों के लिए यह चिह्न हटाकर खेलना पड़ा। हालांकि उस समय भी धोनी को सोशल मीडिया पर हमेशा की तरह व्यापक जन-समर्थन मिला था।