नई दिल्लीः कई विदेशी क्रिकेटरों के लिए इस साल आईपीएल में भाग लेना बड़ा ही भयानक अनुभव साबित हुआ क्योंकि मई के पहले सप्ताह तक आते-आते कोरोनावायरस ने कई फ्रेंचाइजी के बायो बबल में घुसपैठ कर दी थी। इसके चलते देशी और विदेशी दोनों खिलाड़ी कोविड-19 से प्रभावित हुए। यह केवल आईपीएल फ्रेंचाइजी का हाल नहीं था बल्कि समूचे देश में कोरोना की दूसरी लहर आतंक मचा चुकी थी। भारत में कई जगह से सैकड़ों लोगों की मौत की खबरें आ रही थी, लाखों लोग रोजाना पॉजिटिव पाए जा रहे थे और जिस तेजी से यह वायरस फैलता जा रहा था उसने खिलाड़ियों के दिमाग पर गहरा असर छोड़ा।
ऐसे ही एकऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी हैं डेविड वॉर्नर जो तब बहुत ही भयभीत हो गए थे जब उन्होंने टीवी पर भारत में कोरोनावायरस के प्रसार का मामला देखा। डेविड वॉर्नर 2 हफ्ते पहले भारत से लौटे हैं जहां वे सनराइजर्स हैदराबाद की कप्तानी कर रहे थे और वे अपने क्वॉरेंटाइन से इस सप्ताह बाहर आ चुके हैं। डेविड वॉर्नर ने कहां कि वह यह देखकर बहुत ही दुखी हो गए थे कि किस तरीके से लोग कतार में लग कर अपने प्रिय जनों के अंतिम संस्कार के प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने नोवा के प्लिट्ज एंड विप्पा पर बताया कि टीवी पर भारत के बारे में इतना कुछ देखा और देश में ऑक्सीजन को लेकर जो भी कुछ हो रहा था वह भी देखा।
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वार्नर कहते हैं, "आप जानते हैं लोग अपने परिवार के लोगों के अंतिम संस्कार के लिए गलियों तक में लाइन लगा रहे थे और हमने पहले भी देखा है यह बहुत ही भयानक स्थिति थी और यह इंसानियत के नजरिए से भी बहुत ही दुखद स्थिति थी।"
हालत इतनी भयानक थी कि ऑस्ट्रेलिया ने पहले से ही भारत की ओर से आने वाली फ्लाइट पर विराम लगा दिया था जिसके चलते बीसीसीआई को कंगारू खिलाड़ियों को मालदीव भेजना पड़ा जहां पर उन्होंने आस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरी। आईपीएल इससे पहले 4 मई को सस्पेंड हो गया था और अब वह संयुक्त अरब अमीरात में खेला जाएगा लेकिन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों समेत कई बड़े देशों के विदेशी खिलाड़ियों की उपस्थिति पर सवालिया निशान लगे हुए हैं।
34 साल के डेविड वॉर्नर ने कहा कि यह फैसला बिल्कुल सही था कि आईपीएल को निलंबित किया गया। वायरस बबल के अंदर आ चुका था इसके साथ ही चुनौतियां बढ़ चुकी थी। वे कहते हैं कि हम जानते हैं कि भारत में सब कोई क्रिकेट को पसंद करता है। वार्नर ने खिलाड़ियों की स्वदेश वापसी पर बात की और कहा कि यह चुनौतीपूर्ण था। हमको जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी निकलना था। हम मालदीव में थे और भारत से बाहर निकल रहे थे फिर अपने देशों में जाने की कोशिश कर रहे थे