चर्चा में आया ट्वीट
यह क्रिकेटर कोई और नहीं बल्कि तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट हैं। सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने ट्वीट किया है कि वह लाल गेंद से क्रिकेट खेलने का इंतजार कर रहे हैं। रणजी ट्रॉफी मैच प्रथम श्रेणी मैचों में खेले जाते हैं, इसलिए ये मैच लाल गेंद से खेले जाते हैं। बीसीसीआई द्वारा रणजी ट्रॉफी 2022 को स्थगित करने की घोषणा के कुछ ही समय बाद जयदेव उनादकट ने ट्वीट किया, "प्रिय लाल गेंद, कृपया मुझे एक और मौका दें, मैं आपसे वादा करता हूं, आपको मुझ पर गर्व होगा।"
उनादकट का ट्वीट इस समय चर्चा में है और वायरल हो रहा है। इसका एक और कारण यह भी है कि भारतीय टीम इस समय साउथ अफ्रीका में टेस्ट मैच खेल रही है और उनादकट पिछले कई सालों से भारतीय टीम से बाहर हैं। उन्होंने अपना आखिरी और इकलौता टेस्ट मैच 2010 में खेला था। उन्होंने यह टेस्ट मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में खेला था। वह उस समय एक भी विकेट नहीं ले पाए थे। उसके बाद फिर उनादकट को भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिल सका।
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उनादकट का प्रथम श्रेणी करियर
लेकिन फिर भी उनादकट ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने अब तक 89 प्रथम श्रेणी मैचों में 327 विकेट लिए हैं। उन्होंने 20 पारियों में 5 विकेट और 5 मैचों में 10 विकेट लिए हैं। साथ ही उनके नेतृत्व में सौराष्ट्र की टीम ने 2019-20 की रणजी ट्रॉफी जीती थी। साथ ही पिछले सीजन में भी उनके नेतृत्व में सौराष्ट्र की टीम उपविजेता रही थी।
मुश्किल है जगह मिलना
हालांकि माैजूदा समय उनादकट के लिए फिर से भारतीय टीम में जगह बना पाना मुश्किल दिख रहा है। 30 साल के हो चुके उनादकट को 7 वनडे मैच भी भारत के लिए खेलने को मिले थे, लेकिन वह उनमें सिर्फ 8 विकेट ही ले सके थे, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 41 रन देकर 4 विकेट रहा। उनादकट गेंदबाजी करते समय कम रन लुटाते हैं, लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिल पाती। उनादकट ने जुलाई 2013 में वनडे डेब्यू किया था, लेकिन उसी साल उन्हें 7 मैच खेलने को मिले, पर फिर कोई माैका नहीं मिला। उनादकट को फिर जून 2016 में टी20आई में भी डेब्यू करने का माैका मिला था। लेकिन इस फाॅर्मेट में उन्होंने 10 मैचों में 14 विकेट लिए, साथ ही 8.68 की महंगी इकोनोमी रेट से रन लुटाए। 2018 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ टी20आई के रूप में आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था, लेकिन इसके बाद उन्हें कभी टीम में माैका नहीं मिल सका। माैजूदा समय कई युवा तेज गेंदबाज अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं, ऐसे में उनादकट के लिए रास्ता खुलना मुश्किल है।