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लारा को बोर करके लिया गया था विकेट, दास गुप्ता ने बताई 2002 में अपनाई नीति

नई दिल्ली। विंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज ब्रायन लारा को रोकना किसी भी गेंदबाज के लिए आसान काम नहीं रहता था। लारा के नाम टेस्ट में सबसे बड़ी नाबाद 400 रनों की पारी खेलने का विश्व रिकाॅर्ड है। लेकिन लारा को रोकने के लिए भारत ने जो प्लानिंग तैयार की थी वो बेहद अलग थी, जिसका खुलासा पूर्व भारतीय क्रिकेटर दीप दास गुप्ता ने किया है।

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बनाई थी ये प्लानिंग

बनाई थी ये प्लानिंग

साल 2002 में भारतीय टीम ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी। इस दाैरान लारा काफी लय में थे। उन्हें रोकने के लिए टीम ने प्लानिंग बनाई कि लारा को बोर करना है। दासगुप्ता ने कहा, ''उनके ही कुछ साथियों ने यह सुझाव दिया कि लारा से बिल्कुल बात न की जाए और उन्हें बोर होने दिया जाए।'' बता दें कि यह सीरीज दासगुप्ता के लिए आखिरी सीरीज साबित हुई थी। सीरीज का पहला टेस्ट गुयाना में खेले गया था जिसके शुरू होने से पहले टीम इस पर चर्चा कर रही थी कि लारा से कैसे निपटना है।

लिया गया था ये फैसला

लिया गया था ये फैसला

दासगुप्ता ने गौरव कपूर के शो '22 यार्न्स' में बात करते हुए कहा, ''हमारी जब मीटिंग हुई तो फैसला लिया गया कि लारा के साथ कोई भी बात नहीं करेगा। यदि वह बोर हो जाते हैं तो वह आउट हो जाएंगे। जब भी स्पिनर गेंदबाजी करते, मैं विकेट के पीछे होता और राहुल द्रविड़ स्लिप में। लारा एक गेंद खेलते, फिर वह मुझसे और राहुल द्रविड़ से बात करने की कोशिश करते थे। वह बात करना चाहते थे लेकिन हम उन्हें नजरअंदाज करते थे।''

फाॅर्म में नहीं दिखे थे लारा

फाॅर्म में नहीं दिखे थे लारा

उन्होंने कहा कि उस सीरीज में लारा अपनी फॉर्म में नहीं दिखे थे। लारा सीरीज में 28.85 की औसत से केवल 202 रन बना पाए थे। उनका उच्चत्तम स्कोर 55 था। कार्ल हूपर और शिवनरेन चंद्रपाल ने क्रमशः 579 और 562 रन बनाए थे। पार्ट ऑफ स्पेन में 37 रन से जीतकर भारत 1-0 से आगे हो गया था, लेकिन वेस्टइंडीज ने बार्बडोस और जमैका में टेस्ट जीत कर सीरीज 2-1 से जीत ली। यह सीरीज दीप दासगुप्ता की अंतिम सीरीज साबित हुई। उन्होंने अक्टूबर 2001 में भारत के लिए डेब्यू किया था।

Story first published: Wednesday, June 17, 2020, 15:28 [IST]
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