धोनी को देखने के लिए कमेंट्री बॉक्स से बाहर आ गए थे
गांगुली ने कहा, '' मेरे लिए सबसे बड़ा दिन वह था, जब भारत ने धोनी के छक्के के साथ विश्व कप जीता। महान धोनी ने अंतिम गेंद पर शानदार छक्का लगाया, जिसे भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।'' गांगुली ने कहा,''मुझे याद है मैं उस रात वानखेड़े स्टेडियम में था। मैं धोनी को देखने के लिए कमेंट्री बॉक्स से बाहर आ गया था। 2003 में जिस टीम की मैं कप्तानी कर रहा था, वह फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी। मुझे बेहद खुशी हुई कि धोनी के पास ट्रॉफी जीतने का माैका था और उन्होंने यह कर दिखाया।''
इस बात पर जताई खुशी
2011 विश्व कप में भारतीय टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी थे जो गांगुली की कप्तानी में 2003 में जोहानिसबर्ग में फाइनल खेल चुके थे। इसपर गांगुली ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी कप्तानी में डेब्यू करने वाले कुछ खिलाड़ी 2011 में भी विश्व कप खेले। गांगुली ने कहा, ''2011 की विश्व कप जीतने वाली टीम सात या आठ खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्होंने मेरी कप्तानी में करियर की शुरुआत की। सहवाग, धोनी, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा। मुझे लगता है कि यह वह विरासत है, जिसे देखकर खुशी होती है। मैंने जो विरासत छोड़ी थी, उस टीम में अपने देश में और बाहर जीतने की क्षमता थी।''
28 साल बाद जीते थे खिताब
बता दें कि भारत ने 2 अप्रैल 2011 को श्रीलंका के खिलाफ फाइनल जीत 28 साल बाद खिताब जीता था। इससे पहले भारत ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहली बार खिताब जीता था। फिर धोनी ने मुंबई के वानखेड़े में नुवान कुलाशेखरा की गेंद पर छक्का मारा तो इसी के साथ भारत ने 28 साल बाद दोबारा विश्व कप अपने नाम किया।