जब धोनी की बल्लेबाजी के फैन हुए कैफ
कैफ ने एक बेवसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब उन्हें झारखंड से ताल्लुक रखने वाले धोनी को देखा तब उन्हें पता लग गया था इसमें एक्स फैक्टर है, कैफ ने कहा कि मैंने धोनी को उस समय खेलते हुए देखा था, जब मैं सेंट्रल की देवधर ट्रॉफी में कप्तानी कर रहा था और धोनी ईस्ट जोन के लिए खेल रहे थे। कैफ ने कहा हमारी टीम ने उस मैच में 360 के आसपास का स्कोर बनाया था। उस मैच में धोनी नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने आए थे, हम जानते थे कि वह अटैकिंग क्रिकेट खेलते हैं, लेकिन उन्होंने 80-85 रन सिर्फ 40 और 40 गेंदों पर बना दिए, जिसके बाद मुझे अनुभव हुआ कि धोनी एक्स फैक्टर हैं और उनके अंदर गेम की समझ है।
मान लिया था लंबी रेस का घोड़ा
कैफ ने कहा कि इससे पहले मैंने अपने एक मित्र से धोनी के बारे में सुना था जिन्होंने उनको इंडिया ए के खिलाफ खेलते हुए टीवी पर देखा था, चश्मा लगाकर विकेटकीपर करना, लंबे-लंबे बाल जिसके अंदर एक्स फैक्टर था, लेकिन मैंने जल्द ही धोनी को करीब से खेलते हुए देखा। कैफ ने धोनी के पहले मैच को भी याद किया। कैफ ने कहा कि जब बांग्लादेश के खिलाफ धोनी ने अपना पहला ओडीआई खेला जिसमें वह रन आउट हुए थे इस समय दूसरे छोर पर मैं था, लेकिन उस समय उनकी मैच फिनिश करने की योग्यता के बारे में कोई नहीं जानता था। उनके शुरुआत के दो तीन मैच ठीक रहे जिसके चलते उन्हें विशाखापट्टनम वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे नंबर पर कप्तान सौरव गांगुली ने भेजने का फैसला किया। उनकी उस पारी को मैंने करीब से देखा और तब मुझे लगा कि धोनी लंबे रेस के घोड़े हैं।
केएल राहुल पर नहीं किया भरोसा
मोहम्मद कैफ ने आगे कहा, महेंद्र सिंह धोनी का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है, धोनी की जगह कई खिलाड़ियों को ट्राई किया गया। मैं नहीं मानता हूं कि केएल राहुल भारत के लिए लंबे समय तक विकेटकीपर के ऑब्शन हैं। राहुल को हमेशा बैकअप विकेटकीपर के दौर पर देखना चाहिए, मैच के दौरान अगर कोई विकेटकीपर चोटिल होता है तो राहुल को कीपिंग के लिए रखना चाहिए। इसलिए आपको दूसरे विकेटकीपर्स को निखारने का मौका मिलेगा।