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IPL के पहले सीजन में धोनी की लगी थी सबसे बड़ी बोली, जानें हर सीजन में काैन खिलाड़ी रहा महंगा

स्पोर्ट्स डेस्क(नोएडा) : इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) एक ऐसा मंच जो खिलाड़ियों को नाम चमकाने के साथ-साथ मोटा पैसा कमाने का माैका भी देता है। साल 2008 में इस टूर्नामेंट का पहला सीजन करवाया गया था। जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इसकी शुरूआत की और फिर जो इसे लोकप्रियता मिली वो विश्वास ना करने के लायक थी। देश-विदेशों के खिलाड़ियों को भारत में इस टूर्नामेंट का हिस्सा बनने का माैका मिला। अब साल 2020 में होने जा रहे इसके 13वें सीजन के लिए भी 19 दिसंबर को खिलाड़ियों की नीलामी होने जा रही है। लेकिन जब इस टूर्नामेंट के पहले सीजन के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी तो सबसे बड़ी बोली महेंद्र सिंह धोनी की लगी थी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं अबतक हुए हर सीजन में सबसे महंगे खिलाड़ियों के बारे में-

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2008 में पहला सीजन- धोनी रहे महंगे

2008 में पहला सीजन- धोनी रहे महंगे

आईपीएल टूर्नामेंट की शुरूआत साल 2008 में हुई। इस सीजन में बिकने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी धोनी रहे थे। धोनी को चेन्नई सुपर किंग्स ने 9.5 करोड़ रूपए की बोली लगाकर अपनी टीमें शामिल किया था। धोनी ने इस सीजन में अपनी फ्रेंचाइजी को निराश भी नहीं किया और कप्तानी करते हुए टीम को फाइनल तक पहुंचाया जहां उसे राजस्थान राॅयल्स से हार मिली थी। उन्होंने 16 मैचों में 41.40 की औसत से 414 रन बनाए थे।

2009 में दूसरा सीजन- दो खिलाड़ी रहे महंगे

2009 में दूसरा सीजन- दो खिलाड़ी रहे महंगे

दूसरे सीजन में दो खिलाड़ियों ने एक जैसी रकम पाई, ये दो खिलाड़ी रहे थे एंड्रयू फिल्टॉफ और केविन पीटरसन। पीटरसन को राॅयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने 9.8 करोड़ में खरीदा था। उन्हें कप्तान भी बनाया गया था लेकिन वो 6 मैचों में केवल 93 रन ही बना सके थे। उनकी कप्तानी बहुत प्रेरणादायक नहीं रही और उनकी जगह अनिल कुंबले को कप्तानी सौंप दी गई। वहीं फ्लिंटॉफ को चेन्नई सुपर किंग्स ने 9.8 करोड़ में खरीदा था। वो भी फ्लाॅप रहे। फ्लिंटाॅफ 3 मैचों में केवल 62 रन बना पाए और सिर्फ 2 ही विकेट ले पाए।

2010 में तीसरा सीजन- पोलार्ड रहे महंगे

2010 में तीसरा सीजन- पोलार्ड रहे महंगे

अब बारी थी तीसरे सीजन के लिए खिलाड़ियों की नीलामी की। तीसरे सीजन की नीलामी में विंडीज के आलराउंडर किरोन पोलार्ड ने बाजी मार ली। पोलार्ड की उस सीजन में सबसे बड़ी बोली मुंबई इंडियंस ने लगाई थी, जिन्हें 3.5 करोड़ में खरीदा गया था। उन्होंने 14 मैचों में 185 की स्ट्राइक रेट से 273 रन बनाए। उन्होंने 7.40 इकोनॉमी रेट के साथ 15 विकेट भी लिए। पोलार्ड तब से लेकर अबतक मुंबई के साथ ही जुड़े हुए हैं।

2011 में चाैथा सीजन- गंभीर रहे महंगे

2011 में चाैथा सीजन- गंभीर रहे महंगे

आईपीएल के चाैथे सीजन में गंभीर का मूल्य सबसे ज्यादा रहा था। धोनी के बाद दूसरी बार ऐसा माैका आया था जब किसी भारतीय खिलाड़ी की नीलामी में सबसे बड़ी बोली लगी थी। गंभीर को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 11.04 करोड़ रूपए की कीमत चुकाकर अपनी टीम में शामिल किया था। गंभीर ने भी फ्रेंचाइजी को निराश नहीं किया था। उन्होंने इस सीजन में 15 मैचों में 119.24 की स्ट्राइक रेट से 378 रन बनाए।

2012 में पांचवां सीजन- जडेजा रहे महंगे

2012 में पांचवां सीजन- जडेजा रहे महंगे

पांचवें सीजन सीजन की नीलामी में सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा रहे थे। जडेजा को चेन्नई सुपर किंग्स ने 12 करोड़ में खरीदा। जडेजा ने 19 मैचों में 15.91 की औसत से 191 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 126.49 रहा। जडेजा तब से लेकर अबतक चेन्नई का हिस्सा बने हुए हैं।

2013 में छठा सीजन- मैक्सवेल रहे महंगे

2013 में छठा सीजन- मैक्सवेल रहे महंगे

आस्ट्रेलिया के आलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल इस सीजन में बिकने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी रहे थे। मुंबई इंडियंस ने उन्हें 5.3 करोड़ रूपए की कीमत से अपनी टीम में शामिल किया था, लेकिन मैक्सवेस ने अपने प्रदर्शन से तब सबको निराश किया था। वह इतनी बड़ी रकम पाने के बावजूद महज ने 3 मैच में महज 36 रन ही बना सके थे। अगले साल की नीलामी से पहले मैक्सवेल को मुंबई ने रिलीज कर दिया और फिर वो किंग्स इलेवन पंजाब में शामिल हो गए।

2014 में सातवां सीजन- युवराज ने तोड़े रिकाॅर्ड

2014 में सातवां सीजन- युवराज ने तोड़े रिकाॅर्ड

इस सीजन की नीलामी में युवराज सिंह ने आईपीएल में खिलाड़ियों की नीलामी के इतिहास के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए। युवराज पर आरसीबी ने 14 करोड़ रूपए लगा दिए। बाएं हाथ के इस ऑलराउंडर ने 376 रन बनाए। इसमें उन्होंने रिकॉर्ड 28 छक्के लगाए। लेकिन आरसीबी इस सीजन में सातवें स्थान पर रही और फिर उन्होंने अगले सीजन से युवराज को रिलीज कर दिया।

2015 में आठवां सीजन- युवराज फिर टाॅप पर

2015 में आठवां सीजन- युवराज फिर टाॅप पर

युवराज ने उस दाैरान सबको चाैंका दिया जब उन्होंने आठवें सीजन में फिर से सबसे ज्यादा बोली हासिल कर ली। युवराज ने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नीलामी का एक नया रिकॉर्ड बनाया। दिल्ली डेयरडेविल्स ने युवराज को 16 करोड़ की कीमत में ख़रीदा। हालांकि इतनी बड़ी रकम पाने के बावजूद युवराज उम्मीद अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सके। उन्होंने 14 मैचों में सिर्फ 248 रन बनाए और दिल्ली अंक तालिका में 7वें नंबर पर रही।

2016 में नाैंवा सीजन- वाॅटसन रहे महंगे

2016 में नाैंवा सीजन- वाॅटसन रहे महंगे

इस सीजन में सबसे बड़ी बोली शेन वाॅटसन की लगी। वाॅटसन एक खतरनाक ओपनर हैं, यही देख आरसीबी ने इस स्ट्रेलियन ऑलराउंडर पर 9.5 करोड़ रूपए बहा दिए। हालांकि वाॅटसन बल्ले से कुछ खास नहीं कर सके थे, लेकिन उन्होंने गेंद से जरूर कमाल दिखाया था। वॉटसन ने 16 मैचों में केवल 179 रन बनाए और 29 विकेट लिए।

2017 में दसंवा सीजन- स्टोक्स रहे महंगे

2017 में दसंवा सीजन- स्टोक्स रहे महंगे

इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने 10वें सीजन में खूब सुर्खियां बटोरीं। उनपर राइजिंग पुणे सुपरज्वाएंट्स ने 14.5 करोड़ लगा दिए। वह इतनी रकम पाकर आईपीएल नीलामी के इतिहास में सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी भी रहे। स्टोक्स ने 12 मैंचों में 316 रन बनाए। इनमें 15 छक्के भी शामिल थे। साथ ही उन्होंने 12 विकेट भी हासिल किए।

2018 में 11वां सीजन- स्टोक्स फिर चमके

2018 में 11वां सीजन- स्टोक्स फिर चमके

स्टोक्स ने 11वें सीजन की नीलामी में फिर से सबको चाैंका दिया। वह लगातार दूसरी बार किसी नीलामी में सबसे महंगे बिकने वाले विदेशी खिलाड़ी रहे। पुणे टीम बर्खास्त हुई तो राजस्थान ने स्टोक्स को 12.5 करोड़ में खरीद लिया। हालांकि इस बार स्टोक्स कमाल नहीं दिखा सके। स्टोक्स ने 13 मैचों में 121.73 की औसत से 196 रन बनाए और 8 विकेट लिए।

2019 में 12वां सीजन- उनादकट-वरुण

2019 में 12वां सीजन- उनादकट-वरुण

आईपीएल की आखिरी नीलामी में सबसे ऊंची रकम दो तेज गेंदबाज भारतीय गेंदबाजों ने पाई। जयदेव उनादकट और वरुण चक्रवर्ती की 8.4 करोड़ रुपए की बोली लगी। राजस्थान रॉयल्स ने उनादकट को और किंग्स इलेवन पंजाब ने वरुण को खरीदा। वरुण ने तीन ओवरों में ही 35 रन दिए और उन्हें केवल एक विकेट मिला। वहीं उनादकट ने 11 मैचों में 10 विकेट लिए उनका इकोनॉमी रेट 10.66 का रहा।

Story first published: Wednesday, December 18, 2019, 14:45 [IST]
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